क्रिकेटर जोफ्रा आर्चर वेस्टइंडीज के हीरो बन सकते थे, लेकिन उन्होंने चुना इंग्लैंड के लिए सुपरहीरो बनना. आज के समय के सबसे खतरनाक गेदबाजों में गिने जाते हैं- जोफ्रा आर्चर. वे अपनी तेज गति बॉलिंग व खतरनाक बाउंसर्स के कारण चर्चा में रहते हैं. कद-काठी के कारण जोफ्रा ने क्रिकेट की आरंभ स्पिन गेंदबाजी से की थी,लेकिन बादमें तेज गेंदबाजी करने लगे.
जोफ्रा आर्चर का जन्म 1 अप्रैल 1995 को बारबाडोस, ब्रिजटाउन में हुआ था. उनके पिता का नाम फ्रैंक आर्चर है जो कि एक ब्रिटिश निवासी थे. उनकी मां का नाम जॉली है व वे बारबाडोस की हैं. पिता के ब्रिटिश निवासी होने की वजह से ही जोफ्रा के पास ब्रिटिश नागरिकता भी है. क्योंकि उनका जन्म बारबाडोस में हुआ था इसलिए उनमें क्रिकेट को लेकर जुनून प्रारम्भ से ही था. दरअसल यहां के लोग क्रिकेट को खूब पसंद करते हैं. ब्रिजटाउन के ही एक स्कूल में पढ़ते हुए उन्होंने क्रिकेट में भी खूब ध्यान लगाया. वहां पर क्रिकेट खेलते हुए वे स्पिन गेंदबाजी किया करते थे. गेंदबाजी की तरह ही बैटिंग में भी वे बहुत ज्यादा अच्छे थे. अपने लाजवाब टैलेंट की वजह से ही वे अपने स्कूल की टीम को कई बार चैंपियनशिप जितवाने में भी मदद कर चुके हैं.
2013 में तेज गेंदबाज बने आर्चर
जोफ्रा की कद-काठी बाकि बच्चों की तरह नहीं थी, इसीलिए उन्होंने स्पिन गेंदबाजी को अपनाया था. लेकिन 2013 में उन्होंने तेज गेंदबाजी को अपना हथियार बनाया. यहीं से वे निकल पड़े एक नयी मंजिल की तरफ. हालांकि इस दौरान वे वेस्टइंडीज की अंडर 19 टीम की तरफ से भी मैच खेल चुके थे, लेकिन एक चोट की वजह से उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. इससे वे बेहद निराश हुए व दोगुनी मेहनत के साथ क्रिकेट के मैदान पर फिर से उतरे. 2015 में बारबाडोस में जन्मे इंग्लिश क्रिकेटर क्रिस जॉर्डन ने जोफ्रा को खेलते हुए देखा. वे उनकी गति व बाउंसर्स को देखकर बहुत प्रभावित हुए. जोफ्रा से मिलकर उन्होंने इंग्लैंड के क्रिकेट क्लब के लिए उन्हें खेलने का सुझाव दिया. जोफ्रा भी तुरंत ही तैयार हो गए थे व इस तरह उनके इंग्लैंड सफर की आरंभ हुई. फर्स्ट क्लास डेब्यू के साथ ही जोफ्रा ने अपनी गेंदबाजी से ऐसी छाप छोड़ी कि सबसे लोकप्रिय टी-20 लीग आईपीएल में भी उन्हें 2018 में खेलने का मौका मिल गया.
आर्चर आईपीएल में राजस्थान की ओर से खेले
राजस्थान रॉयल्स की टीम से खेलते हुए उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी को खूब प्रभावित किया. यही समय था जब सभी को लगने लगा था कि इंग्लैंड की वर्ल्ड कप टीम में भी उन्हें होना चाहिए. जोफ्रा आर्चर के लिए इंग्लैंड की वर्ल्ड कप टीम में स्थान बनाना कठिन ही नहीं बल्कि असंभव-सा था. क्योंकि नियमों के मुताबिक उन्हें कम से कम सात वर्ष तक इंग्लैंड के नागरिक के रूप में देश के अंदर ही रहना पड़ता. नियम के अनुसार तो जोफ्रा 2022 से पहले इंग्लैंड से नहीं खेल सकते थे, लेकिन इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड ने वर्ल्ड कप से कुछ समय पहले ही अपने नियमों में परिवर्तन किया व इंग्लैंड में रहने वाले 7 वर्ष के नियम को 3 वर्ष कर दिया. अब जोफ्रा इंग्लैंड की टीम में खेल सकते थे.