कोरोना महामारी काल में लोगों के सामने रोजगार एक बड़ी चुनौती साबित हुआ है. देश में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. आज भी बहुत सारे लोग रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से दी जा रही योजनाओं का लाभ उठाते हुए स्वरोजगार शुरू करना बेहतर विकल्प साबित हो रहा है. बीते डेढ़ सालों में हजारों लोगों ने स्वरोजगार खड़ा किया है.
स्वरोजगार में सबसे बड़ी चुनौती पूंजी की आती है. ऐसे में सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाएं बहुत काम आती हैं. ऐसी ही एक योजना है, स्टैंड-अप इंडिया (Stand up India Scheme). विशेष रूप से महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के लिए यह योजना 5 अप्रैल 2016 को शुरू की गई थी. इन 5 वर्षों में 1,14,322 से अधिक खातों के लिए 25,586 करोड़ के लोन बांटे गए हैं.
2025 तक किया गया योजना का विस्तार
बड़ी बात यह है कि सरकार ने 2025 तक इस योजना का विस्तार किया है. यानी अगले 4 साल तक लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के लोगों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है.
स्टैंड-अप इंडिया क्यों?
स्टैंड-अप इंडिया योजना एससी, एसटी और महिला उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने, ऋण प्राप्त करने और व्यापार में सफल होने के लिए आवश्यक अन्य समर्थन की सुविधा प्रदान करने की मान्यता पर आधारित है. इसलिए यह योजना एक ऐसा इको-सिस्टम बनाने का प्रयास करती है, जो व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करे.
यह योजना, बैंक शाखाओं से ऋण लेने वालों को अपने उद्यम स्थापित करने में सहायता के लिए ऋण-सुविधा देती है. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सभी शाखाओं को कवर करने वाली इस योजना का लाभ तीन तरीकों से प्राप्त किया जा सकता है.
कहां से ले सकते हैं लोन?
सीधे बैंक शाखा से,
स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल ( www.standupmitra.in ) से,
लीड जिला प्रबंधक (एलडीएम) के माध्यम से
लोन के लिए कौन हैं पात्र?
18 वर्ष से अधिक आयु के एससी/एसटी और महिला उद्यमी.
योजना के तहत लोन केवल ग्रीन फील्ड परियोजनाओं (विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से संबद्ध गतिविधियों) के लिए उपलब्ध हैं.
गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में, 51 फीसदी हिस्सेदारी और नियंत्रण हिस्सेदारी एससी/एसटी या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए.
लोन प्राप्तकर्ता, किसी बैंक/वित्तीय संस्थान से दोषी करार नहीं दिया गया हो.
स्टैंड-अप इंडिया के मुख्य उद्देश्य :
महिलाओं, एससी और एसटी समुदाय के लोगों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देना.
तैयार और प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधार लेने वालों को व्यापार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने के लिए ऋण प्रदान करना.
तैयार और प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधार लेने वालों को विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से जुडी गतिविधियों में ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान करना.
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रत्येक बैंक शाखा द्वारा कम से कम एक महिला और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कम से कम एक उधार लेने वाले को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का बैंक-ऋण देना.