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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…..हिन्दू अउ मुस्लिम समाज का बड़ा संयम राखय क परी तबहिन समाज म शांति अउ सौहार्द बना रही!!

चतुरी चाचा अपने चबूतरे पर पालथी रमाय बैठे थे। ककुवा, कासिम चचा, मुंशीजी व बड़के दद्दा आपस में कुछ खुसुर-पुसुर कर रहे थे। आज सुबह बूंदाबांदी हो जाने से गरमी में थोड़ा राहत थी। पुरई पशुओं को चारा-पानी कर रहे थे। गाँव के बच्चे ‘चिड़ी-पहाड़’ खेल रहे थे। मेरे पहुंचते ही चतुरी चाचा ने पंचायत शुरू कर दी।

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

चतुरी चाचा ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- देस म पूजा स्थलन क्यारु विवाद बढ़तय जाय रहा। सैकड़न साल बादि अयोध्या विवाद निबटा। अब काशी अउ मथुरा जोर पकर लिहिस। यहिके साथे ताजमहलव क विवाद गहराय लाग हय। युहु विवाद उत्तर परदेस तलक सीमित नाय हय। मध्य परदेस, गुजरात लगायक अन्य राज्यन म विवाद खड़े कीन जाय रहे। विवादित पूजा अस्थलन का लैके हिन्दू-मुस्लिम पछकार आपन-आपन दावा ठोंकि रहे।

मन्दिर-मस्जिद विवाद केरी सुनवाई जिला कचहरी त लैके उच्चतम न्यायालय तलक होय रही। कुछु राजनीतिक दल माहौल का गरमावय जुटियान हय। अइसे म हिन्दू अउ मुस्लिम समाज का बड़ा संयम राखय क परी। दुनव पक्षन का न्यायालय प भरोसा करय क परी। यहिके अलावा दुनव पक्षन का हठधर्मिता ते दूर रहय क परी। इ मसले प सरकार का नीर-क्षीर विवेकी बनय क परी। तबहिन समाज म शांति अउ सौहार्द बना रही।

 


चतुरी चाचा अपने चबूतरे पर पालथी रमाय बैठे थे। ककुवा, कासिम चचा, मुंशीजी व बड़के दद्दा आपस में कुछ खुसुर-पुसुर कर रहे थे। आज सुबह बूंदाबांदी हो जाने से गरमी में थोड़ा राहत थी। पुरई पशुओं को चारा-पानी कर रहे थे। गाँव के बच्चे ‘चिड़ी-पहाड़’ खेल रहे थे। मेरे पहुंचते ही चतुरी चाचा ने पंचायत शुरू कर दी।

उनका कहना था कि मन्दिर-मस्जिद से जुड़े विवाद बढ़ने लगे हैं। अयोध्या विवाद हल होने के बाद काशी व मथुरा मसले ने जोर पकड़ लिया है। जिला जज से लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस तक मन्दिर-मस्जिद विवाद पहुंच गया है। वहीं, आगरा में ताजमहल के नीचे भी शिव मंदिर होने की बात कही जा रही है।

इस तरह का विवाद सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश, गुजरात सहित अन्य कई राज्यों में मन्दिर तोड़कर मस्जिद बनाए जाने का विवाद गहराने लगा है। ऐसे में सरकार को बड़े विवेक से काम करना होगा। हिन्दू-मुस्लिम समाज को न्यायालय पर भरोसा रखना चाहिए। किसी भी पक्ष को जिद दिखाने से बचना चाहिए। ऐतिहासिक एवं वास्तविक सत्यता को स्वीकार करना चाहिए। तभी समाज में शांति-सौहार्द बना रहेगा।

इस पर ककुवा बोले- चतुरी भाई, सगरी दुनिया जानत हय कि मुगल ससुरे लुटेरे अउ आक्रांता रहयं। उई सब भारत का हर तिना ते लुटिन रहयं।देस का तहस-नहस किहिन रहयं। सनातन धर्म अउ संस्कृति का नष्ट-विष्ट किहिन रहय। सनातन धर्म का खतम करय ख़ातिन केतना मारकाट किहिन रहयं। हजारन मन्दिरन क तोड़वायक मस्जिदय बनवाइन रहयं। लाखन हिंदुन क जबरन कलमा पढ़वाइन रहयं।

अजोध्या, काशी अउ मथुरा म मन्दिर प बनी मस्जिदें यहिका सबूत हयँ। अजोध्या म तौ बाबरी मस्जिद केरी जगह प रामलला क मन्दिर बनि रहा। मुला, काशी अउ मथुरा म न्याय मिलय क बाकी हय। बनारस केरी ज्ञानवापी मस्जिद म प्राचीन शिवलिंग मिलि गवा हय। हुंवा सर्वे मा औरव बहुत कुछु मिला हय। अबहीं मथुरा म श्रीकृष्ण जन्मभूमि पय बनि मस्ज़िद केरी जांच होय क बाकी हय। जांच म हींयव मन्दिर क सबूत मिलिहैं। दुनव जगह क मामला कोर्ट म चलि रहा। सब दूध क दूध अउ पानी क पानी होय जाइ।

इसी बीच चंदू बिटिया प्रपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गई। आज जलपान में स्वादिष्ट ‘दुद्ध-बरिया’ थीं। सबने एक-एक कटोरा दुद्ध-बरिया ख़ाकर घड़े का ठंडा पानी पीया। इसके बाद दुद्ध-बरिया की मिठास के साथ प्रपंच आगे बढ़ा।

कासिम चाचा ने कहा – जैसे अयोध्या विवाद सदैव के लिए समाप्त हो गया है। वैसे ही आगे चलकर काशी और मथुरा सहित अन्य स्थानों का भी विवाद निबट जाएगा। हम सबको सामाजिक समरसता बनाए रखनी चाहिए। कट्टरपंथी राष्ट्र और समाज के लिए घातक हैं। कुछ राजनैतिक पार्टियां मन्दिर-मस्जिद विवाद को हवा दे रही हैं। ये लोग हिन्दू-मुस्लिम को बांटकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं। हमें बंदरबांट करने वाले ऐसे नेताओं से सावधान रहना चाहिए।

बड़के दद्दा ने कहा- आम मुस्लिम जानता है कि अयोध्या में रामलला मन्दिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनी थी। इसी तरह मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर को ध्वस्त करके मस्ज़िद बनाई गई थी। उस जमाने में मुस्लिम आततायियों ने भारत के हज़ारों मन्दिर ध्वस्त करवा दिए थे। उस दौरान लाखों भारतीयों को जबरन मुस्लिम बनाया गया था। इस ऐतिहासिक तथ्य को आखिर झुठलाने की कोशिश क्यों की जा रही है?

मुस्लिम सम्प्रदाय का यह भी मानना है कि उनका दीन विवादित स्थल पर नमाज अता करने की इजाज़त नहीं देता है। इसके बावजूद पहले अयोध्या में विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने की जिद थी। अब काशी और मथुरा में नमाज पढ़ने की हठ है। यह विरोधाभास क्यों है? मुस्लिम सम्प्रदाय के मौलाना, मौलवी अपने अनुयायियों को वस्तुस्थिति से अवगत क्यों नहीं कराते हैं?

मुंशीजी ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- नौतपा में भीषण गर्मी पड़ने के बाद ही प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी। ज्योतिषाचार्य प्रदीप जी का कहना है कि 25 मई से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इस नक्षत्र में सूर्य लगभग 14 दिन तक रहते हैं। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के आरंभ के नौ दिन अत्यधिक गर्मी पड़ती है। इसी नक्षत्र में मेघ गर्भधारण करते हैं, जो कि वर्षा ऋतु में यथा समय बारिश करते हैं। आरंभ के नौ दिन को जनसामान्य की भाषा में नौतपा कहा जाता है। सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पढ़ने से ताप की अधिकता रहती है।

यदि इस दौरान जब कभी बारिश हो तथा मृगशिरा नक्षत्र में ताप अधिक हो तो बारिश की संभावना अच्छी होती है। रोहिणी नक्षत्र के साथ सूर्य और चंद्रमा की युति इस वर्ष अच्छी बारिश एवं अन्न के पैदावार को बढ़ाने वाली रहेगी। यदि ऐसा हुआ तो किसानों के लिए यह साल उत्तम साबित होगा। इधर, यूपी में राशन कार्डों की जांच को लेकर मुफ्त राशन ले रहे ‘अमीरों’ में हड़कंप मचा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश उपरान्त साधन संपन्न लोग अपने राशन कार्ड वापस करने लगे हैं।

मैंने कोरोना अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 52 करोड़ 64 लाख से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 62 लाख 98 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में अबतक 4,31,34,332 से अधिक लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। देश में अबतक 5,24,323 से अधिक लोग बेमौत मारे जा चुके हैं।

देश में अबतक कोरोना वैक्सीन की 192 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं। देश के 87.9 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना के दोनों टीके दिए जा चुके हैं। इस समय छह से 12 वर्ष की आयु वाले बच्चों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है। बूस्टर डोज निजी अस्पतालों में लग रही है। भारत में व्यापक टीकाकरण के चलते कोरोना महामारी पर नियंत्रण बढ़ता जा रहा है।

अंत में चतुरी चाचा ने भारत की स्टार बॉक्सर निखत जरीन को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीतने पर बधाई दी। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही के साथ फिर हाजिर रहूँगा।

तब तक के लिए पँचव राम-राम!

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