समाजवादी पार्टी के शासन काल में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है. सीबीआई अब अलग-अलग टेंडर में हुए घपले की अलग-अलग एफआईआर (FIR) दर्ज करेगी. एफआईआर दर्ज करने के लिए सीबीआई ने अपने मुख्यालय से इजाजत मांगी है. बताया ये भी जा रहा है कि इस मामले में करीब आठ इंजीनियरों का फंसना तय है. इसके अलावा 14 ठेकेदारों पर भी शिकंजा कस सकता है.
इन सभी इंजीनियरों का नाम सीबीआई की पहले दर्ज एफआईआर में भी है. आपको बता दें कि दो साल पहले गोमती नगर थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज की थी. जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की प्रारंभिक जांच में टेंडर देने में घपले के सबूत मिले हैं.
आपको बता दें कि गोमती रिवर फ्रंट के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ स्वीकृत किए थे, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ. मामले में 2017 में योगी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे.
आरोप है कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया था. पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे, जिसका अधिकार चीफ इंजीनियर को दिया गया था.