लखनऊ। आगामी राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी को राजधानी लखनऊ में कृषि बिल के विरोध मेंं एक विशाल ट्रैक्टर मार्च/किसान रैली का आह्वान किया गया था। लेकिन दिल्ली में आंदोलनरत संयुक्त किसान संघ के आह्वान एवं अनुमति के बाद यह मार्च अब स्थानांतरित करते हुए दिल्ली में ही संयुक्त किसान संघ के दिशानिर्देशन में मार्च निकाला जाएगा। जिससे किसानों की एकता एवं उनकी ताकत का संदेश, देश की अड़ियल केंद्र सरकार को जाएगा।
25 जनवरी की सुबह से ही हज़ारों की तादाद में पूरे उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली पहुंचना शुरू कर देंगे, और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों से हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर्स सहित दिल्ली कूच करेंगे। महीनों से चल रहे आंदोलन में अब तक 70 अधिक किसानों की जान जा चुकी हैं। 10 से अधिक बार सरकार से वार्ता होने के बावजूद भी केंद्र सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंची।
इसलिए संयुक्त किसान संघ ने यह तय किया है कि केंद्र सरकार जब तक तीनों कृषि कानूनों की वापसी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार के पास 26 जनवरी तक का समय है, यदि 26 जनवरी तक सरकार किसानों की मांगों पर सकारात्मक हल नतीजे पर नहीं आती तो अब किसानों का सब्र टूट चुका है। अब देश के किसान इस दम्भी सरकार को सत्ता से हटाने का काम करेंगे।