भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने का आखिरकार खामियाजा भुगतना पड़ गया। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने साध्वी प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से निकाल दिया है। बीजेपी उनसे कितनी नाराज है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें पार्टी संसदीय दल की बैठक में भी आने पर पाबंदी लगा दी गई है। प्रज्ञा ने लोकसभा में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का जिक्र करते हुए बयान दिया था। हालांकि, लोकसभा की कार्रवाई से प्रज्ञा के इस बयान को हटा दिया गया।
बुधवार को लोकसभा में दिए बयान के बाद बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की कमिटी से हटाने की सिफारिश की। उन्होंने प्रज्ञा के बयान को अस्वीकार्य बताया और गहरी नाराजगी प्रकट की। नड्डा ने प्रज्ञा के बयान की निंदा करते हुए कहा, ‘पार्टी कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि प्रज्ञा संसद सत्र के दौरान बीजेपी संसदीय दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।
लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक, 2019 पर चर्चा चल रही थी। डीएमके सांसद ए. राजा ने चर्चा के दौरान कहा कि नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या इसलिए की क्योंकि वह एक खास विचारधारा से प्रेरित था। तभी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बीच में टोकते हुए कहा, आप एक देशभक्त का उदाहरण इस संदर्भ में नहीं दे सकते हैं। प्रज्ञा के इस बयान पर सदन में हंगामा मच गया।
बड़ी बात यह है कि प्रज्ञा ने नाथूराम पर यह बयान पहली बार नहीं दिया है। प्रज्ञा जब भोपाल से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार थीं, तब भी उन्होंने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। तब हंगामा मचने पर बीजेपी बैकफुट पर आ गई थी और पीएम मोदी ने कहा था कि वह प्रज्ञा को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे। हालांकि, बाद में प्रज्ञा ने इस बयान पर माफी मांग ली थी।
पीएम ने तब एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रज्ञा के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘गांधी और गोडसे के संबंध भयंकर खराब है, हर प्रकार घृणा के लायक है, आलोचना के लायक है, सभ्य समाज में ऐसी बातें नहीं कही जा सकती हैं। ऐसा कहने वालों को आगे से 100 बार सोचना पड़ेगा।’ पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘उन्होंने भले ही माफी मांग ली हो, लेकिन मैं दिल से कभी उन्हें माफ नहीं कर पाऊंगा।’