रेलवे के भिन्न-भिन्न विभागों में लगातार हो रहे कथित विवादों को दूर करने के लिए रेल मंत्रालय एक प्रस्ताव लेकर आया है। को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस प्रस्ताव के तहत रेल मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि सभी विभागों का विलय करके एक किया जाएगा। हालांकि, इसमें हेल्थ व सर्विस विभाग नहीं शामिल होंगे। रेल बजट को यूनियन बजट में शामिल करने के बाद रेल मंत्रालय का यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रिफॉर्म होगा।
रेलवे सर्विस में अब केवल 1 ही कैडर –मंत्रालय के इस निर्णय के मुताबिक, भारतीय रेलवे सर्विस में अब केवल एक ही कैडर होगा। मौजूदा समय में कुल 8 कैडर हैं, जिनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, स्टोर, पर्सनल, ट्रैफिक, सविल इंजीनियरिंग सेवा के कैडर शामिल हैं।
कैबिनेट को भेजा गया प्रस्ताव –इस विषय में कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। इस प्रस्ताव में यह भी जानकारी दी गई है कि मेडिकल व रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी आरपीएफ विभाग को अभी भी स्वतंत्र ही रखा गया है। इस निर्णय से इन दोनों विभागों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
रेलवे बोर्ड संख्या भी घटकर होंगे 5 –यहीं नहीं, इसके अतिरिक्त रेलवे बोर्ड की संख्या को भी 8 से घटाकर 5 बोर्ड करने का निर्णय लिया गया है। अब ट्रैफिक, रोलिंग स्टॉक, ट्रैक्शन व इंजिनियरिंग को हटाकर ऑपरेशन, बिजनेस डेवलपमेंट, ह्यूमन रिसोर्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर व फाइनेंस बोर्ड ही होंगे।