Breaking News

बाराबंकी में स्कूल की छत गिरी, अब लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय की बारी

• गुरु गोविंद सिंह वार्ड आलमबाग में बरसों से जर्जर भवन में चल रहा प्राथमिक विद्यालय

• प्राथमिक विद्यालय जर्जर भवन में चला लाखों रुपए कमा रहा बेसिक शिक्षा विभाग

लखनऊ। बाराबंकी जिले में एक प्राइवेट स्कूल की छत गिरने से 40 बच्चे घायल हो गए लेकिन राजधानी में सरकारी स्कूलों का भी ऐसा ही हाल है और छत गिरने या बच्चों के घायल होने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। जर्जर भवन में स्कूल चलाने का जीता-जागता उदाहरण गुरु गोविंद सिंह वार्ड, आलमबाग का है जहां नगर निगम द्वारा घोषित जर्जर भवन में बेसिक शिक्षा विभाग तथा अध्यापक अखिलेश कुमार शर्मा की मिली भगत से प्रेमवती नगर प्राथमिक विद्यालय चलाया जा रहा है।

बाराबंकी में स्कूल की छत गिरी अब लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय की बारी

विद्यालय की छतें पूरी तरह जर्जर हो चुकी है और सरिया नीचे लटक रहा है लेकिन महज कुछ सिक्कों की खातिर विभाग और अध्यापक मिल कर बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रहें हैं। भवन स्वामी एसपी सिंह ने बताया कि उनकी दादी विमला ठाकुर तीस सालों से ज्यादा समय तक बेसिक शिक्षा विभाग के चक्कर काटती रही लेकिन उनकी बिल्डिंग से प्राथमिक विद्यालय को नहीं हटाया गया।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर PM मोदी ने दी शुभकामनाएं, कहा- हमने भविष्य से जुड़े फैसले लिए

सन 2012 में जिलाधिकारी लखनऊ के निर्देश पर एसडीएम ने विद्यालय की जांच पड़ताल की और फिर जर्जर भवन को देखते हुए तत्काल प्रभाव से स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया। इसके बाद भवन खाली करने के प्रपत्र पर नगर निगम लखनऊ के अभियंता ने शांति नगर प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन की रिपोर्ट बेसिक शिक्षा विभाग को दी। बस इसी के बाद से खेला शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि इस भवन का किराया मात्र 87.50 रुपए है जो जून 2007 के बाद से नहीं मिला है।

इस भवन से लगभग 100 मीटर दूर सामुदायिक भवन में 5 किलोमीटर दूर के प्राथमिक विद्यालय प्रेमवती नगर को स्थानांतरित कर दिया गया। सामुदायिक भवन के पुनर्निर्माण के लिए लगातार तीन लाख रुपए बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी कर दिए और पुराने सामुदायिक भवन को गिरा कर मलबा निलाम कर दिया परन्तु आज तक यह भवन बनना शुरू भी नहीं हुआ। अब शांति नगर प्राथमिक विद्यालय में कक्षाएं चल नहीं सकती थी तो सामुदायिक भवन के प्रेमवती नगर प्राथमिक विद्यालय को शांति नगर प्राथमिक विद्यालय में समायोजित कर दिया गया।

बाराबंकी में स्कूल की छत गिरी अब लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय की बारी

स्कूल के बिल्कुल पास में रहने वाले अध्यापक अखिलेश कुमार शर्मा और शिक्षामित्र आदि कभी विद्यालय नहीं आते लेकिन कागजों में स्कूल जिंदा है। अब सवाल उठता है कि सामुदायिक भवन निर्माण के लिए आएं लाखों रुपए कहां गए? सन 2012 से बंद पड़े शांति नगर के प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील, बच्चों की ड्रेस आदि का पैसा कहां जा रहा है? अध्यापक, शिक्षामित्र बंद पड़े स्कूल से कितना वेतन प्रति माह अर्जित कर रहे हैं? भवन स्वामी का कहना है कि उनके पास इतना सामर्थ्य नहीं है कि वह जर्जर भवन को बनवा सके।

त्रिपुरा में बाढ़-भूस्खनल से बुरा हाल; सेना ने बचाई 330 लोगों की जान, केंद्र ने दी 40 करोड़ की मदद

इसी जर्जर स्कूल के ऊपर उनका निवास है और छते कभी भी गिरने के अंदेशे से परिवार रात भर सो नहीं पाता है। अब देखने वाली बात होगी कि बाराबंकी में स्कूल की छत गिरने के बाद लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी और विभाग कब जागेंगे? कब प्राथमिक विद्यालय के नाम पर हो चुके लाखों रुपए के घोटालों का पर्दाफाश होगा? कब जर्जर भवन से प्राथमिक विद्यालय को हटाया जाएगा?

About Samar Saleel

Check Also

भारत ने प्राकृतिक आपदाओं से घिरे म्यांमार और नामीबिया को भेजी मदद

नई दिल्ली। भारत तूफान, बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त जरूरतमंद देशों की ...