उत्तर प्रदेश के चंदौली से सोमवार को गिरफ्तार किया गया पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट ‘जिंदगी ना मिलेगी’ नामक ग्रुप का मेंबर था। यह वॉट्सऐप ग्रुप पाकिस्तान के आईएसआई हैंडलर्स मैनेज करते थे। हैरान करने वाली बात यह है कि इस ग्रुप में कुल 56 भारतीय नागरिक भी जुड़े थे।
काशी विश्वनाथ मंदिर, ज्ञानवापी मस्जिद, संकटमोचन मंदिर, कैंट रेलवे स्टेशन, दशाश्वमेध घाट, मालवीय पुल, कैंट और एयरफोर्स से जुड़े विडियो और तस्वीरों को आईएसआई को भेजने के आरोप में मोहम्मद रशीद को गिरफ्तार किया गया था। 23 साल के रशीद को यूपी ऐंटी- टेररिस्ट स्क्वॉड ने मिलिटरी इंटेलिजेंस के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन में गिरफ्तार किया था। एटीएस के एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर ने हमारे सहयोगी समाचार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उनके कब्जे से बरामद एक सिम कार्ड की जांच की गई और यह पता चला कि वह नंबर का इस्तेमाल पाकिस्तान के आईएसआई हैंडलर्स के साथ बातचीत के लिए करता था।
ठाकुर ने कहा, ‘अभी तक किसी तरह का डेटा रिकवर नहीं हो पाया है, लेकिन उस वॉट्सऐप ग्रुप में 56 मेंबर भारत के थे। यूपी के अलावा इनमें से कुछ सदस्य दूसरे राज्यों के भी थे। हमने उनकी डिटेल्स उन राज्यों की पुलिस के साथ शेयर कर दी है।’ ठाकुर ने यह भी कहा कि रशीद शहर में बैनर लगाता था और वह ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था। सूत्रों के मुताबिक, राशिद के कुछ रिश्तेदार भी उस ग्रुप के मेंबर थे, उनसे पूछताछ की जा रही है।