Breaking News

चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…अबकी दिवारिम पड़ाका नाय दगे

चतुरी चाचा आज 56 इंच का सीना तानकर कर बैठे थे। उनके बगल में मिठाई का एक डिब्बा भी रखा था। मेरे प्रणाम करते ही बोले-रिपोर्टर, देखा मेरी भविष्यवाणी। मेरी दोनों बातें सच साबित हुई। तभी कासिम चचा व मुंशीजी आ गए। दोनों लोगों ने आते ही चतुरी चाचा को उनकी भविष्यवाणी की सत्य साबित होने पर बधाई दी। दरअसल, चतुरी चाचा ने पिछले प्रपंच में भविष्यवाणी की थी कि अमेरिका में जो बाइडेन और बिहार में नीतीश कुमार ही जीतकर शपथ लेंगे। उनकी यह भविष्यवाणी सच हो गई।

चतुरी चाचा बोले, आज जमघट (गोवर्धन पूजा) और मेरी भविष्यवाणी की सत्यता पर तुम सब लोग डबल-डबल छेना खाओ। उसी समय ककुवा और बड़के दद्दा की जोड़ी भी प्रपंच चबूतरे पर आ गई। ककुवा ने आते ही कहा-चतुरी भाई तुमरी राजनीतिक समझ बड़ी नीक अउ गहरी हय। पिछले इतवार का जउनु कहे रहव, सब साँच होय गवा। इहिके पहलेव तुमरी सारी भविष्यबानी सही निकरी रहयं। तुमरी ख़ातिन हम मिठाई लाएन हय। लेव खाय लेव अपनी पसन्द केर मिलिकेक। चतुरी चाचा ने मिलिकेक खाया और हम सबने छेना छके।

बड़के दद्दा ने बतकही शुरू करते हुए कहा- अयोध्या में इस बार भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरयू घाट पर दीपावली की दिव्य-भव्य व्यवस्था की थी। पूरी अयोध्या दुल्हन की तरह सजी थी। इस दिवाली में अयोध्या ने खुद अपना विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। वहां करीब छह लाख दिए रोशन किये गए। अयोध्या में रामायण से जुड़ी अनेकानेक भव्य झांकियाँ निकली थीं। मुख्यमंत्री व राज्यपाल ने हेलीकॉप्टर से उतरे राम, सीता व लक्ष्मण का श्रद्धा पूर्वक स्वागत किया। राम कथा पार्क में श्रीराम का राज्याभिषेक किया गया। उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के कलाकारों ने तरह-तरह के लोक नृत्य पेश किये। छत्तीसगढ़ की महिला कलाकारों ने तो नृत्य का समा ही बांध दिया था। काश! हम लोग छोटी दिवाली के दिन अयोध्या में होते।

मुंशीजी बोले-कोरोना महामारी के चलते आमजन अयोध्या नहीं जा सकते थे। सब लोगों ने टीवी पर अयोध्या की दिवाली देखी। हम लोग अगले साल की दिवाली में अयोध्या चलेंगे पक्का। कासिम चचा बोले- यह बात ठीक रहेगी। मैं भी अयोध्या चलूँगा। मैं वर्ष 1985 में अयोध्या गया था। तब से आजतक अयोध्या जाने की नौबत नहीं आयी। बस, अब रामजी का भव्य मंदिर बन जाए। साथ ही, राम के नाम पर होने वाली राजनीति बन्द हो जाए। देश में अब राम के नाम पर झगड़ा-फसाद न हो। क्योंकि, रामचन्द्र तो हम सबके पूर्वज हैं। श्रीराम के जीवन से हम सबको सबक लेना चाहिए। हमें अपनी मर्यादा में रहकर ही जीवन व्यतीत करना चाहिए।

इसी बीच चंदू बिटिया नींबू वाला गुनगुना पानी और तुलसी-अदरक की कड़क चाय लेकर आ गई। हम सबने पानी पीने के बाद चाय का कुल्हड़ उठा लिया। चाय की चुस्कियों के साथ बतकही आगे बढ़ी। ककुवा बोले- भइय्या, धनतेरस केरी खरीदारी देख़ि कय जू जुड़ाय गवा हमार। लोग गाड़ी-मोटर, सोना-चांदी खरीदय केरी खातिर तर-उपर रहयं। यहिका मतलब हय कि बाजार अब मंदी ते बाहर निकरि आई। दुसरी बात यह नीक हय कि लोग चाइनीज़ चीज़न ते दूर रहे। याक दिन अपन देशु आत्मनिर्भर जरूर बनि जाई। घरेलू उद्योग-धंधे ते भारत आगे बढ़ी। दयासम बेरोजगारिव कम होई।

चतुरी चाचा ने कहा,अब दिवाली में पुराना आनन्द, उल्लास नहीं रहा। गांव में पहले पांच दिन धनतेरस, छोटी-बड़ी दिवाली, जमघट (गोवर्धनपूजा) और भैयादूज मनाया जाता था। पूरे गांव में करवाचौथ के भोर से दिवाली की तैयारी शुरू हो जाती थी। हम लोग ‘करवा हयँ करवारी-इहिके बरहे दिन हयँ दिवारी’ गाते हुए गांव भर में घूमते थे। दिवाली में पूरे गांव की सामूहिक सफाई होती थी। हर घर लीपा-पोता जाता था। खेतों में गोबर की खाद पहुंचाई जाती थी। दिवाली की शाम ‘खेत राजा जागत रहो’ कहकर खेत के कोन और ‘घूर राजा जागत रहो’ कहकर घूर जगाए जाते थे। दिवारी की सुबह गोवर्धन पूजा होती थी। अब बस परंपरा की लकीर पीटी जाती है। दिवाली के नाम पर जुआ, मांस-दारू और पटाखा ही शेष बचे हैं।

ककुवा ने चतुरी चाचा की बात पर मोहर लगाते हुए कहा- चतुरी भाई, अब तौ जमघट क्यारु मतलब जुआ खेलब, दारू पियब अउ मास-मछरी खाब रहय गवा हय। अपने गांव मा जुआ केर छह-सात फड़ बिछे हयँ। काल्हि संझा ते जुआ ख्याला जाए रहा। रातिम पुलिस आई रहय, तब भगदड़ मचि गए रहय। बस, याक बाति नीक रही। अबकी दिवारिम पड़ाका नाय दगे।

हमने हमेशा की तरह कोरोना अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में कोरोना की दूसरी लहर उठ गई है। अबतक सवा पांच करोड़ से अधिक लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इसमें करीब 13 लाख लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। वहीं, भारत में कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा 90 लाख तक पहुंचने वाला है। अपने देश में अबतक एक लाख 28 हजार लोग बैमौत मारे जा चुके हैं। दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर आ गयी है। त्योहारों के इस सीजन में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका है। अभी मॉस्क और दैहिक दूरी बहुत जरूरी है। इसके बाद चतुरी चाचा ने सबको भैयादूज की बधाई देकर प्रपंच समाप्ति की घोषणा कर दी। मैं अगले रविवार को एक बार फिर चतुरी चाचा के चबूतरे पर होने वाली बतकही के साथ हाजिर रहूँगा। तबतक लिए पँचव राम-राम!

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

About Samar Saleel

Check Also

कहीं आप भी तो बाल धोते वक्त नहीं करते ये गलतियां ? अगर हां तो संभल जाएं, वरना होगा हेयर फॉल

आज के समय में बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और खराब खानपान की वजह से लोगों के ...