नई दिल्ली। बीते दो दशक से हर बार सत्ता Politics में परिवर्तन करने वाले राजस्थान चुनावों को लेकर इस बार खासी रुचि है। भाजपा व कांग्रेस के दस-दस साल सत्ता में रहने के बाद सत्ता की बारी कांग्रेस की है, फलौदी सट्टा बाजार में उसका भाव भी 25 पैसा चल रहा है लेकिन नवरात्रि से पहले व बाद की स्थिति में भाजपा सीधे 20 सीट के फायदे में दिख रही है।
Politics में लोकसभा चुनाव से पहले
सत्ता Politics में लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों पर सबकी नजरें टिकी है, सत्ता के इस सेमीफाइनल को लेकर भाजपा व कांग्रेस पूरी ताकत लगा रहे हैं। राजनीति के जानकार, तमाम चुनावी सर्वे व सट्टा बाजार फिलहाल राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी का दावा कर रहे हैं लेकिन नवरात्रि से लेकर दशहरा के बीच बिना कोई बड़े घटनाक्रम के भाजपा की सीटों में 20 का सुधार चौंकाने वाला है। चूंकि प्रत्याशियों की घोषणा व चुनाव प्रचार के बाद स्थिति स्पष्ट होगी इसलिए फलौदी सट्टा बाजार में सौदा बहुत कम हो रहा है लेकिन परंपरागत सट्टा बाजार की गणित के मुताबिक कांग्रेस जहां पहले 140 सीट पर चल रही थी वह 115 पर टिकी हुई है उधर भाजपा 50 से बढकर 70 के करीब पहुंच गई है।
भाजपा को पसंद करने का एक प्रमुख कारण गुजरात में पिछले कई वर्ष से शांति, सुरक्षा व सम्रद्वि को माना जा रहा है, इसके अलावा मेवात व मारवाड में पशुओं की अवैध तस्करी व सांप्रदायिक घटनाओं से भी लोग त्रस्त हैं। भाजपा अपने चुनाव प्रचार में भी इन चीजों को अधिक उछाल रहे हैं। हालांकि सीट के अलावा भाव के मामले में भी कांग्रेस बहुत मजबूत स्थिति में है, बाजार के जानकार बताते हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार का भाव 25 पैसा बोल रहा है। जबकि हाल की स्थिति में भाजपा का भाव तक नहीं खुल रहा है।