भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा नदी पर मैया (पश्चिम बंगाल) तथा सुल्तानगंज (बांग्लादेश) नदी बंदरगाहों के माध्यम से व्यापारिक गतिविधि शुरू हुई। बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा और बांग्लादेश के जहाजरानी राज्य मंत्री खालिद महमूद चौधरी ने सुल्तानगंज में संयुक्त रूप से सुल्तानगंज, गोदागरी पोर्ट ऑफ कॉल का उद्घाटन किया।
👉श्रीलंका से 2 दिनों के अंदर 28 भारतीय मछुआरों की वतन वापसी
इसके साथ ही उन्होंने सुल्तानगंज से भारत के नदी बंदरगाह मैया के लिए एक मालवाहक जहाज को हरी झंडी दिखाई। वहीं दूसरी ओर भारत के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने मैया अंतर्देशीय सीमा शुल्क बंदरगाह से पहले मालवाहक जहाज को हरी झंडी दिखाई।
इस कदम से परिवहन लागत कम होने के साथ ही भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापार और कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों की नदी बंदरगाहों का उपयोग मुख्य रूप से भारत से पत्थर, फ्लाई ऐश, कोयला, फल, सब्जियां और मसालों के निर्यात के साथ-साथ जूट और कपड़ों के आयात के लिए किया जाएगा।
👉1961 के बाद आए लोगों को निर्वासित करने के CM के बयान पर उठे सवाल; जानें क्या है विशेषज्ञों की राय
ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा उच्चायुक्त प्रणय वर्मा और बांग्लादेश के जहाजरानी राज्य मंत्री खालिद महमूद चौधरी ने संयुक्त रूप से सुल्तानगंज, गोदागरी पोर्ट ऑफ कॉल का उद्घाटन किया और सुल्तानगंज से मैया के लिए एक मालवाहक जहाज को हरी झंडी दिखाई। उच्चायुक्त ने भारत-बांग्लादेश के बीच बढ़ते व्यापार और कनेक्टिविटी के हिस्से के रूप में नए नदी मार्ग पर प्रकाश डाला।
भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा यह भारत और बांग्लादेश के बीच महत्वपूर्ण नदी संपर्क मार्ग है। इससे दोनों देशों में अंतर्देशीय जलमार्ग पारिस्थितिकी तंत्र को नई गति मिलने की उम्मीद है।
👉‘जमानत याचिका को दो हफ्ते में निपटाएं’, गुजरात हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को दिए निर्देश
भारतीय उच्चायुक्त ने इस कदम को भारत-बांग्लादेश के बीच बढ़ते आर्थिक और संपर्क संबंधों का प्रतीक बताया। उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग की वास्तविक क्षमता को उजागर करने में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के महत्व पर जोर दिया। वर्मा ने मैया-सुल्तानगंज नदी मार्ग को फिर से खोलने को एक ऐसा कदम बताया, जिससे सीमा के दोनों ओर की स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी लाभ होगा।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी