लखनऊ। राजधानी ईको गार्डन स्थित धरना स्थल पर गुरुवार को प्रदेश भर से आई आशा बहुओं और आशा संगीनियों ने दो दिवसीय धरने के प्रथम दिन योगी सरकार को कड़ी लताड़ लगाई और कहा कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ और महिला सम्मान की बात करती है, तो दूसरी तरफ वो आशा बहुओं और आशा संगीनियों से हाड़ तोड़ काम लेकर उनको हर महीने मात्र 1500 सौ रुपए दे रही है। यूपी सरकार किसी दुर्दांत ठेकेदार की तरह व्यवहार कर रही है और आशा बहुओं को और आशा संगीनियों से बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार कर रही है.
आशा बहुओं और आशा संगीनियों को मिला राष्ट्रीय लोकदल का साथ
इस मौके पर राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के प्रतिनिधि के तौर पर लखनऊ महानगर अध्यक्ष आशीष तिवारी ने आशा बहुओं और आशा संगीनियों को पार्टी का समर्थन देते हुए आशा बहुओं और आशा संगीनियों को राज्यकर्मियों का दर्जा देने व उनका न्यूनतम वेतन 25 हजार रुपए मासिक देने की मांग की।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए बोला कि सरकार आशा बहुओं और आशा संगीनियों को तुरंत न्याय दे, नहीं तो राष्ट्रीय लोकदल विधानसभा के बाहर और सदन के अंदर सरकार को घेरने को मजबूर होगी। इस मौके पर राष्ट्रीय लोकदल महानगर लखनऊ के उपाध्यक्ष आदित्य सिंह राठौर और महासचिव रोहित सैनी नितिन भी मौजूद रहे।
इस मौके पर आशा बहुओं के संगठन की प्रदेश अध्यक्ष पुष्पा तिवारी ने बताया कि आशा बहुओं से काम जितना लिया जाता है जितनी जिम्मेदारी दी जाती है उसके अनुरूप मिल रहा मानदेय सरकार का पाप है। उनका धरना कल भी जारी रहेगा और यदि सरकार ने उनकी नहीं सुनी तो वो मुख्यमंत्री का घेराव भी करेंगी और दिल्ली कूच कर, प्रधानमंत्री आवास का भी घेराव करेंगी।