मेरठ। डॉक्टरों में सहानुभूति खत्म होती जा रही है। सोमवार मेरठ के मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में शाम हुए विवाद के बाद तीन जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पूरे मामले का गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की है।
ये था पूरा मामला 👉दर्द से तड़पता रहा मासूम, तीमारदारों दौड़ा-दौड़ाकर तीमारदारों को पीटते रहे डॉक्टर
तीन सदस्यों की जांच कमेटी गठित कर तीन दिन में रिपोर्ट प्रेषित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार मेडिकल थाना क्षेत्र के कमालपुर गांव निवासी दीपक के पांच वर्षीय पुत्र कुणाल के दाएं हाथ का अंगूठा सोमवार शाम कट गया था।जिसे दीपक अपने भाई देवेंद्र और भाभी प्रीति के साथ पुत्र को लेकर मेडिकल काॅलेज की इमरजेंसी में पहुंचे थे।
पट्टी करते समय बच्चा रोने लगा तो परिजनों ने चिकित्सक को आराम से उपचार करने के लिए कहा।जिस पर उनकी चिकित्सकों से कहासुनी हो गई थी। आरोप है कि जूनियर डॉक्टरों ने दीपक और देवेंद्र को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पीड़ित पक्ष ने थाने पहुंचकर घटना की तहरीर भी दी।
डिप्टी सीएम के निर्देशानुसार कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आरसी गुप्ता ने तीन जूनियर चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है।साथ ही डॉ ज्ञानेश्वर टॉक, डॉ वैभव तिवारी एवं डॉ हर्षवधन को नामित करते हुए जांच कमेटी का गठन किया है।
तीन दिन में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर ही अगली कार्रवाई की जाएगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।