सौंफ का प्रयोग आमतौर पर खाने के बाद किया जाता है। सौंफ मुंह की बद्बू से लेकर जबान के स्वाद को बेहतर करती है। कई बार सौंफ का प्रयोग मसालों के रूप में होता है। इसे मसालों का राजा भी कहा जाता है। लेकिन सौंफ एक लाजवाब औषधि भी है। सौंफ में इतने तरह के औषधीय गुण हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी है। सौंफ कई तरह की छोटी-मोटी बीमारियों में राहत देती है। हम आपको बता रहे हैं कि सौंफ के इस्तेमाल के ये तरीके जो आपको रखेंगे फिट। यही नहीं सौंफ के ये घरेलू नुस्खे आप तकलीफ होने पर उपयोग में भी ला सकते हैं।
सौंफ पीसकर सुबह पानी के साथ इसका सेवन पेट से संबंधित सभी रोगों को दूर भगाता है। कब्जियत और एसीडीटी की समस्या में भी राहत मिलती है। अगर भूख ज्यादा लगती है तो सौंफ का रस दही के साथ मिलाकर हर रोज दो से तीन बार सेवन करें।
अगर बदहजमी से परेशान हैं तो सौंफ को उबालकर छान लें और इसे गुनगुना करे पिएं। सौंफ का पिसा लेप करने से सिर दर्द, गर्मी व चक्कर से राहत मिलती है।
जी मिचलाता है तो सौंफ का शरबत बनाकर पीजिए। ये पेट की गर्मी भी शांत करता है। सौंफ के पत्तों का रस मिलाकर रोगी को देने से पसीना आने लगता है।
पेट में गैस की शिकायत हो तो सौंफ की छौंक लगी दाल/सब्जी का प्रयोग करें। वहीं सौंफ का रस गुलाबजल में मिलाकर पीने से हिचकी आना रुक जाती है।
सौंफ और थोड़े से पुदीने के पत्ते आधा रह जाने तक पानी में उबालकर इसे ठंडा कर लें। इस पानी का दिन में तीन बार सेवन उल्टी या जी घबराने से राहत दिलाता है।सौंफ और लौंग का काढ़ा बनाकर इसे देशी बूरा या खांड मिलाकर पीजिए। जुकाम से राहत पाने के लिए ये रामबाण नुस्खा है।धूम्रपान की लत भी छुड़ाने में मददगार है सौंफ। बस सौंफ को घी में सेंककर रख लें और जब भी धूम्रपान की तलब लगे इसे चबाएं।
सौंफ और मिश्री को समान मात्रा में मिलाकर इसका चूर्ण बना लें और इस मिश्रण को दो चम्मच सुबह शाम खाने के बाद एक महीने तक सेवन करें। इससे दिमागी कमजोरी दूर होती है।