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आज मनाया जाएगा सुरक्षित मातृत्व दिवस, प्रसव पूर्व जांच को लेकर जिले में बढ़ी जागरूकता

औरैया। मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से जिला महिला अस्पताल सहित स्वास्थ्य इकाइयों पर बुधवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएसए) दिवस मनाया जाएगा। इसके तहत गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेगनेंसी) की पहचान, पोषण, परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के चयन के बारे में काउंसलिंग की जाएगी। इसके साथ ही कोविड-19 से बचाव के लिये जारी किए गए जरूरी प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखा जाएगा।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने को लेकर कई योजनाएँ व कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं । इससे जिले की महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आई है। इसका सुखद परिणाम हाल ही में जारी नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) – 5 (वर्ष 2020-21) की रिपोर्ट में देखने को मिला है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ. शिशिर पुरी ने बताया कि जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य व सुरक्षित प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जांच व देखभाल (एएनसी) बेहद जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच आवश्यक रूप से करानी चाहिए। एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार जिले में गर्भावस्था की पहली तिमाही में 72.2 फीसदी गर्भवती ने प्रसव पूर्व जांच कराई, जबकि वर्ष 2015-16 में जारी एनएफएचएस-4 की रिपोर्ट में यह आंकड़ा 36.2 प्रतिशत था। इसी तरह एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार 50.4 फीसदी गर्भवती ने कम से कम चार बार प्रसव पूर्व जांच कराई, जबकि वर्ष 2015-16 में यह आंकड़ा 11.7 प्रतिशत था । इसके साथ ही 91.3 फीसद महिलाएं प्रसव के दौरान नवजात टिटनेस से सुरक्षित रहीं जबकि एनएफ़एचएस-4 में यह आंकड़ा 84.8 प्रतिशत था।

प्रसव पूर्व जांच की सुविधा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मौजूद

डॉ. पुरी ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच व देखभाल के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (हर माह की नौ तारीख), ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) एवं समस्त सरकारी चिकित्सालयों पर निःशुल्क व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही जांच में एचआरपी के रूप में चिन्हित हुईं महिलाओं पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाती है और काउन्सलिन्ग कर सुरक्षित प्रसव कराया जाता है।

जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता अखिलेश कुमार ने बताया कि जनपद में अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक 7,811 गर्भवती की रक्त, यूरिन, ब्लड प्रेशर एवं वजन इत्यादि की जांच हुई। इसके साथ ही गर्भवती को कोविड-19 से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई।

महिलाएं स्वास्थ्य को लेकर हुईं सजग 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अर्चना श्रीवास्तव का कहना है कि आंकड़ों के अनुसार बीते चार से पाँच सालों में जिले में महिलाएँ अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग हुई हैं। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है कि समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। उन्होने भविष्य में भी इसी तरह के सकारात्मक परिणाम की कामना की है।

पीएमएसएमए पर गर्भवती को मिलती हैं यह सुविधाएं

  • •समस्त गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच जैसे हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस, वजन, ब्लड प्रेशर, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांचे की जाती हैं।
  • समस्त गर्भवती के गर्भ का द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में कम से कम एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एलोपैथिक चिकित्सक की देख-रेख में निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
  • टिटनेस का टीका,आयरन व कैल्शियम सहित अन्य आवश्यक दवाएं दी जाती हैं।
  • हाई रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान,प्रबंधन एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित किया जाता है।
  • पोषण,परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के लिये काउंसलिंग भी की जाती है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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