अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की नई प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जियॉरजीवा ने कहा है कि देशों के बीच व्यापार विवाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहा है. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर दशक के सबसे निचले स्तर पर आने आशंका है. इस दौरान उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि भारत जैसी सबसे बड़ी उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं में इस साल इसका असर ‘ज़्यादा साफ नज़र’ आ रहा है.
व्यापार विवादों का प्रभाव व्यापक:
क्रिस्टालिना जियॉरजीवा ने कहा कि उभरते बाजार वाले कुछ देशों, जैसे भारत और ब्राजील में इस साल मंदी अधिक स्पष्ट होगी. चीन की विकास दर कई वर्ष तक तेजी से बढ़ने के बाद अब लगातार घटती जा रही है. साथ ही इस पर उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार विवादों का प्रभाव व्यापक है और देशों को अर्थव्यवस्था में नकदी डालने के साथ एकरूपता से प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
दुनिया का 90 फीसदी हिस्सा कम वृद्धि का सामना करेगा:
क्रिस्टालिना जियॉरजीवा ने मंगलवार को संकेत दिया कि चौतरफा फैली मंदी का अर्थ है कि वर्ष 2019-20 के दौरान वृद्धि दर इस दशक की शुरुआत से अब तक के ‘निम्नतम स्तर’ पर पहुंच जाएगी. क्रिस्टालिना के मुताबिक, दुनिया का 90 फीसदी हिस्सा कम वृद्धि का सामना करेगा.
उन्होंने कहा कि अमेरिका तथा जर्मनी में बेरोज़गारी ऐतिहासिक नीचाई पर है. फिर भी अमेरिका, जापान तथा विशेष रूप से यूरो क्षेत्र की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियों में नर्मी देखी गई है. लेकिन भारत और ब्राज़ील जैसी कुछ सबसे बड़ी उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं में इस साल मंदी का असर ‘ज़्यादा साफ नज़र’ आ रहा है.