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परम्परागत खेलों को मिलने लगा प्रोत्साहन

धीरे धीरे यह सब पुरानी बातें लगने लगी। लखनऊ राजभवन में इन पुराने पड़ चुके खेलों का नाम सुनना ही बहुत रोचक था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में विलुप्त हो रहे भारतीय परम्परागत खेलों को प्रोत्साहन देने का आह्वान किया था। 

कुछ दशक पहले तक भारत के गांव से लेकर शहर तक परम्परागत खेलों की धूम रहती थी। यह बच्चों की दिनचर्या में शुमार थे। इनके बिना बचपन अधूरा रहता था। इनमें से अधिकांश खेलों में कोई धन व्यय नहीं होता था। कुछ के लिए गेंद आदि खरीदनी पड़ती थी। खेलों से शरीर व मन पर जो सकारात्मक प्रभाव होता है, वह सब इन सहज खेलों से मिल जाता था।

लखनऊ राजभवन में इन पुराने पड़ चुके खेलों का नाम सुनना ही बहुत रोचक था।

धीरे धीरे यह सब पुरानी बातें लगने लगी। लखनऊ राजभवन में इन पुराने पड़ चुके खेलों का नाम सुनना ही बहुत रोचक था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में विलुप्त हो रहे भारतीय परम्परागत खेलों को प्रोत्साहन देने का आह्वान किया था। इसके दृष्टिगत राजभवन में आयोजित खेल प्रतियोगिता में भारतीय पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में राजभवन परम्परागत खेल प्रतियोगिता के विभिन्न खेलों के विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इनमें खो-खो, कबड्डी, गेंदतड़ी, गिल्ली डण्डा, किंग लंगड़ी, कंचा गोली, रस्सी कूद, लट्टू, गोला फेंक, लम्बी कूद, सौ मी. दौड तथा स्लो साइकलिंग रेस का आयोजन हुआ।

इस अवसर पर आनन्दी बेन ने कहा कि खेल बिना किसी व्यय के खेले जाने वाले खेल हैं।

इन खेल प्रतियोगिताओं में करीब पांच सौ लोगों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर आनन्दी बेन ने कहा कि खेल बिना किसी व्यय के खेले जाने वाले खेल हैं। यह खेल हमारे जीवन को अनुशासित करते हैं। समय पर निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करते हैं। जीवन को ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह सब किसी प्रतियोगिता तक ही सीमित नहीं रहने चाहिए। बल्कि बच्चों को इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। बचपन और खेलों का गहरा नाता है। बच्चे खेलों के माध्यम से नई नई बाते सीखते हैं। खेल उनका साहस एवं आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। उनमें धैर्य, ईमानदारी, सहिष्णुता, निष्ठा जैसे गुणों का विकास होता है।

खेलों में मिली जीत हार से वे नये गुण व अनुभव प्राप्त करते हैं।

खेलों में मिली जीत हार से वे नये गुण व अनुभव प्राप्त करते हैं। हार से सबक लेते हैं और कमियों को दूर करते हैं जब कि जीत उन्हें नये उत्साह और प्रेरणा से भर देती है। उन्होंने कहा कि खेल एवं व्यायाम से हमारा तन एवं मन स्वस्थ रहता है। खेल से हमारे जीवन में अनुशासन तथा मिलकर कार्य करने की भावना का संचार होता है।

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