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वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण को प्रशिक्षण

• 200 स्वास्थ्य कर्मी हुए प्रशिक्षित, बतायी गई संचारी रोगों की रोकथाम की तकनीक

कानपुर।वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी अंकुश लगाने को लेकर शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में प्रशिक्षण आयोजित हुआ। इस प्रशिक्षण में संचारी रोगों से जुड़े सभी स्वास्थ्य कर्मियों को संचारी रोगों की रोकथाम के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रशिक्षण दिया गया गया।

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प्रशिक्षण में बताया गया कि जिन स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग डेंगू, मलेरिया या चिकनगुनिया जैसे बुखार से प्रभावित होते हैं तो ऐसे स्थानों पर मच्छरों की पहचान करना आवश्यक होता है कि किन मच्छरों की वजह से बीमारियां फैल रही हैं। समय रहते इन मच्छरों की बढ़वार को रोकने से ही बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है। डेंगू और मलेरिया बुखार के मच्छरों की सही पहचान के बारे में भी जानकारी दी गई। इसका डैमो भी करके दिखाया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए सर्वे और सोर्स रिडक्शन (मच्छर जनित स्रोत का नष्टीकरण) बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसलिए जिले के वेक्टर बार्न से जुड़े सभी फील्ड वर्कर्स और हायर किये गए दैनिक कर्मी व डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स का संवेदीकरण किया जा रहा है, ताकि संचारी रोगों की और बेहतर ढंग से रोकथाम की जा सके।

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जिला मलेरिया अधिकारी ए.के.सिंह ने बताया कि मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए हर वर्ष दैनिक कर्मियों और डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स को भी हायर किया जाता है। उन सभी का समय-समय पर संवेदीकरण/प्रशिक्षण आवश्यक है। गोदरेज संचालित पाथ-सी.एच.आर.आई. के सहयोग से सभी स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है I तीन बैच में लगभग 200 कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

पाथ-सी.एच.आर.आई. के आई.वी.एम्. कोऑर्डिनेटर सीताराम चौधरी ने बताया कि प्रशिक्षण में वेक्टर जनित बीमारियाँ, मच्छर का जीवन चक्र और #लार्वा की पहचान, मच्छर पैदाइश के स्थानों का न्यूनीकरण व प्रबंधन और वेक्टर जनित बीमारियों के नियंत्रण में क्षेत्रीय कार्यकर्त्ता और दैनिक कर्मियों की भूमिका के बारे में बताया गया है। उन्होंने बताया कि संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए विभाग के साथ ही समुदाय की ज़िम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है।

बिना समुदाय के सहयोग के इन बीमारियों को रोका नहीं जा सकता है। मच्छर से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह से ढंकने वाले कपड़े पहने, मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर रोधी क्रीम का इस्तेमाल करें, विशेष रूप से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मच्छर के काटने से बचाना आवश्यक है। प्रशिक्षण में जिला पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. राधेश्याम, सहायक मलेरिया अधिकारी यू.पी. सिंह व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहें।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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