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सीएम योगी का बड़ा फैसला: 20 अप्रैल से पूरे प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू लागू, शनिवार-रविवार रहेगा लॉकडाउन

दया शंकर चौधरी

लखनऊ। कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या और अस्पतालों में मची आपाधापी को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि उत्तर प्रदेश में मंगलवार (20 अप्रैल) से प्रतिदिन रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा।

वहीं, शुक्रवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन लगाया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को टीम इलेवन के साथ हुई बैठक में ये निर्देश दिए। बता दें कि अभी तक रात्रि कर्फ्यू उन्हीं जिलों में लागू था जहां हालात ज्यादा खराब थे। मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों संग बैठक में कहा कि कोविड-19 की इस विभीषिका के बीच संयम और धैर्य हमारा सबसे बड़ा हथियार है। ऐसे में कोरोना कर्फ्यू को सफल बनाने में हर नागरिक का योगदान है।

फ्लॉप शो बनकर रह गया स्वैच्छिक बाजार बंदी का आवाहन

उन्होने जनता से अपील की है कि जहां तक जरूरी हो, घर से बाहर न निकलें। पर्व और त्योहार घर पर ही मनाएं। निकलें तो मास्क जरूर लगाएं। सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ न हो। इस नियम को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रत्येक शनिवार और रविवार को प्रदेश में साप्ताहिक बंदी (लॉकडाउन) प्रभावी रहेगी। इसके अतिरिक्त जिन जिलों में 500 से अधिक एक्टिव केस हैं, वहां हर दिन रात्रि 08 बजे से अगले दिन प्रातः 07 बजे तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। इस नियम को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।

प्रवासियों की वापसी के लिए गृह व परिवहन विभाग में समन्वय के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली से प्रवासी जनों की वापसी हो रही है। ऐसे में सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरते जाते की आवश्यकता है। इन प्रवासी कामगार व श्रमिकजनों के सुगमतापूर्ण आवागमन की व्यवस्था के लिए गृह विभाग और परिवहन विभाग समन्वय बनाकर आवश्यक कार्रवाई करें। इन प्रवासी श्रमिकजनों की टेस्टिंग और आवश्यकतानुसार ट्रीटमेंट की समुचित व्यवस्था भी होनी चाहिए।

सीएम योगी ने कहा है कि कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने में टीकाकरण सर्वाधिक कारगर है। उत्तर प्रदेश में अब तक कोविड टीकाकरण अभियान बेहतर ढंग से संचालित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई से 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था लागू की है। उनका यह निर्णय स्वागतयोग्य है। टीकाकरण का यह नया चरण कोविड से लड़ाई में निर्णायक सिद्ध होगा। उन्होने एक मई से शुरू हो रहे वृहद टीकाकरण के लिए सभी जरूरी प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य सरकार कोविड संक्रमण को कम करने के लिए बदलती परिस्थितियों के बीच लगतार कदम उठा रही है। सभी जिलों में कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों को बढ़ाया जा रहा है। आईसीयू और आइसोलेशन बेड में हर दिन इजाफा हो रहा है। प्रदेश में ऑक्सीजन सहित सभी मेडिकल आवश्यकताओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने अफवाहों से बचने की सलाह दी है।

इन जिलों में कोविड बेड की संख्या दोगुना करने पर बल

लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, झांसी, गोरखपुर, मेरठ जनपदों सहित प्रदेश के सभी जिलों में कोविड बेड की संख्या को दोगुना करने की आवश्यकता है। योगी जी निर्देश दिया है कि फौरी तौर पर सभी जिलों में 200-200 बेड का विस्तार किया जाए। यह बेड ऑक्सीजन की सुविधा से लैस हों। इस प्रकार से 75 जिलों में तत्काल करीब 15,000 बेड का इजाफा हो सकेगा। सचिव स्तर के एक अधिकारी की तैनाती प्रदेश में बेड विस्तार के कार्य के लिए लगाई जाएगी। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री इस संबंध में सभी जिला प्रशासनों से संवाद स्थापित कर कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे।

देश को लॉकडाउन से बचाना है, तो करें ये उपाय : PM मोदी

उन्होने कहा है कि लखनऊ के केजीएमयू तथा बलरामपुर चिकित्सालय को पूरी क्षमता के साथ डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के तौर पर पूरी क्षमता के साथ संचालित करें। इसी प्रकार, एरा, टीएस मिश्रा, इंटीग्रल, हिन्द तथा मेयो मेडिकल काॅलेज को पूरी क्षमता के साथ डेडिकेटेड कोविड हाॅस्पिटल के रूप में क्रियाशील रखा जाए। यहां इलाजरत नॉन कोविड मरीजों को यथासंभव शिफ्टिग किये जाने की जरूरत है। वर्तमान में 4500 से अधिक बेड लखनऊ में उपलब्ध हैं। और नए हॉस्पिटल को एल-2 और एल-3 श्रेणी में जोड़कर बेड्स बढ़ाये जाएं। लखनऊ में सभी हॉस्पिटलों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गये हैं। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के माध्यम से यहां की स्थितियों पर लगातार नजर रखने, मेडिकल कॉलेज में 800 से अधिक बेड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गये हैं।

इसी तरह प्रयागराज के स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज और यूनाइटेड मेडिकल कॉलेज में भी 800 से अधिक बेड उपलब्ध हैं। इसे और बढ़ाया जाना चाहिए। निजी अस्पतालों के बेड इसके अतिरिक्त हैं। वाराणसी में आरटीपीसीआर का पॉजिटिविटी रेट अधिक है, यहां और अधिक टेस्ट किए जाने की जरूरत है। कोविड संक्रमण की रफ्तार जिस प्रकार बढ़ रही है, उस दशा में यहां और अधिक आइसोलेशन और आईसीयू बेड्स की आवश्यकता पड़नी तय है। उन्होने सलाह दी है कि कानपुर में जीएसवीएम, रामा, नारायणा मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ निजी अस्पतालों के संसाधनों का भी कोविड के लिए उपयोग में लाया जाए। मुख्यमंत्री ने संतोष जताया कि जिन मरीजों को कोविड टीकाकरण के दो डोज लग चुके हैं, यदि कतिपय कारणों से पुनः संक्रमित हुए हैं, तो भी चार से पांच दिनों में स्वस्थ हो जा रहे हैं। अस्पतालों की डिस्चार्ज पॉलिसी इसी के अनुरूप तैयार की जानी चाहिए।

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