भारत और ऑस्ट्रेलिया की जूनियर टीमें आई.सी.सी. अंडर-19 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में मंगलवार को यहां जब आमने-सामने होंगी तो न सिर्फ रोमांचक मुकाबले की संभावना बनेगी बल्कि कलाई के स्पिनरों रवि बिश्नोई और तनवीर सांघा के बीच भी रोचक जंग देखने को मिलेगी। सफेद गेंद की क्रिकेट में हाल के दिनों में कलाई के स्पिनरों ने अहम भूमिका निभायी है और जूनियर क्रिकेट भी उससे अछूता नहीं है जहां बिश्नोई टूर्नामैंट के सबसे प्रभावशाली गेंदबाज साबित हुए हैं और वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ अपनी टीम का पलड़ा भारी रखने की कोशिश करेंगे।
बिश्नोई ने अब तक 3 मैचों में 10 विकेट लिए हैं। इनमें न्यूजीलैंड के खिलाफ 30 रन देकर 4 विकेट लेने का शानदार प्रदर्शन भी शामिल है। इससे बिश्नोई ने साबित कर दिया कि आखिर आई.पी.एल. नीलामी के दौरान किंग्स इलैवन पंजाब ने उन पर 2 करोड़ रुपए क्यों खर्च किए थे। आंकड़ों पर गौर करें तो सांघा भी बिश्नोई से पीछे नहीं है और उन्होंने भी अब तक 10 विकेट लिए हैं जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 14 रन देकर 5 विकेट है जो उन्होंने नाईजीरिया के खिलाफ किया था।
लेकिन भारतीय मूल के इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भी 4 विकेट लिए थे और इंगलैंड के खिलाफ उन्होंने 1 विकेट हासिल किया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया जूनियर स्तर पर भारत के खिलाफ अपने खराब रिकार्ड में सुधार करना चाहेगा। वर्ष 2013 के बाद अंडर-19 (U 19) स्तर पर इन दोनों टीमों के बीच जो 5 मैच खेले गए उनमें से 4 मैच भारत ने जीते जबकि एक मैच बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था। दोनों टीमों की तुलना की जाए तो भारतीय टीम अपने प्रतिद्वंद्वी से काफी आगे नजर आती है।
उसके पास यशस्वी जायसवाल, उनके सलामी जोड़ीदार दिव्यांश सक्सेना और कप्तान प्रियम गर्ग के रूप में उपयोगी बल्लेबाज हैं जिन्होंने अब तक अपने कौशल की अच्छी छाप छोड़ी है।
गेंदबाजी विभाग में उत्तर प्रदेश के काॢतक त्यागी और बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आकाश सिंह ने उपयोगी जोड़ी बनाई है। बाएं हाथ के स्पिनर अथर्व अंकोलेकर ने भी न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार वापसी करके अपनी काबिलियत साबित की थी।