महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आठ दूसरे उम्मीदवारों को 14 मई को विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आठ दूसरे उम्मीदवारों को 14 मई को विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था, 9 सीटों के लिए 9 ही उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था। जिससे सभी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। शिवसेना की तरफ से उद्धव ठाकरे के अलावा नीलम गोरे निर्वाचित घोषित की गई थीं। इसके अलावा बीजेपी से रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। निर्वाचित होने वाले दूसरे उम्मीदवारों में कांग्रेस के राजेश राठौड़ और एनसीपी के शशिकांत शिंदे व अमोल मितकरी शामिल हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज एमएलसी पद की शपथ लेंगे। जिसके बाद राज्य में कई सप्ताह से चला आ रहा सियासी संकट अब खत्म हो जाएगा। मालूम हो कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आठ दूसरे उम्मीदवारों को 14 मई को विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। उद्धव ठाकरे के साथ आज 8 अन्यएमएलसी भी पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।
उद्धव ठाकरे 27 मई को बतौर मुख्यमंत्री अपना 6 महीने का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी इसी वजह से उन्हें विधानसभा या विधान परिषद दोनों में से किसी एक सदन का सदस्य चुना जाना जरूरी हो गया था। संविधान के प्रावधानों के मुताबिक उन्हें 6 महीने के अंदर राज्य के किसी भी सदन का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी था। एमएलसी पद के लिए चुने जाने से पहले तक वे राज्य की किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। इस वजह से महाराष्ट्र में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया था। उद्धव ठाकरे के एमएलसी पद के लिए चुने जाने के बाद ये संकट समाप्त हो गया है।