लखनऊ। ब्रज क्षेत्र के ऋतु-त्योहार गीत व गोदभराई, पुंसवन, कुआं पूजन आदि रस्मों व संस्कार गीतों का संकलन भेजने वाली लखनऊ की उमा त्रिगुनायत को प्रथम व आगरा की ओमवती शर्मा को द्वितीय स्थान दिया गया। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी गोमतीनगर स्टूडियो में कल की त्योहार व संस्कार गीत गायन प्रतियोगिता के बाद आज निर्णायक मण्डल त्योहार और संस्कार गीतों के संकलन का आकलन कर रहे थे।
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी में प्रादेशिक संस्कार व त्योहार गीत संकलन प्रतियोगिता
अकादमी के सचिव तरुण राज ने बताया कि हमारे प्रदेश में त्योहारों-संस्कारों में हर अवसर के गीत हैं। बदलते समय की धारा में हमारे लोक गीतों की नष्ट होती धरोहर को सहेजने के मकसद से उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी ने यह प्रतियोगिताएं आयोजित की हैं। इससे पहले प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति के अंतर्गत नवरात्र पर देवी गीतों की प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं। प्रदेश की संस्कृति को बढ़ावा देने वाले ऐसे आयोजन आगे भी जारी रहेंगे। आज की प्रतियोगिता में प्रथम विजेता को 10 हजार रुपये और द्वितीय विजेता को सात हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।
प्रतियोगिता प्रभारी अकादमी की संगीत सर्वेक्षक रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि त्योहार गीत व संस्कार गीतों के संकलन की प्रतियोगिता में तेरह प्रतिभागियों के संकलन की पाण्डुलिपियां व प्रतियां प्राप्त हुईं। इनमे विजेताओं के अतिरिक्त लखनऊ की शिखा भदौरिया, अंजलि खन्ना व रत्ना शुक्ला के अयोध्या की सुषमा, वाराणसी की नीतू तिवारी, जौनपुर की डा.ज्योति सिन्हा और कविता सिंह, शरद तिवारी व गजेन्द्र सिंह शामिल थे।
निर्णायकों में शामिल पद्मश्री डा.योगेश प्रवीन, सुविख्यात संगीतकार केवल कुमार व लोकविद् डा.विद्याविंदु सिंह ने अधिकांश संकलनों को अल्प संग्रह बताया। प्राप्त पाण्डुलिपियों पर आपसी विचार विमर्श के साथ ही अनेक बिंदुओं पर गौर करते हुए निर्णायकों ने फैसला किया।