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ऑपरेशन गंगा के तहत 18,000 भारतीय नागरिक छोड़ चुके हैं यूक्रेन की सीमा: विदेश मंत्रालय

  • Published by- @MrAnshulGaurav, Written by- Shashwat Tiwari
  • Sunday, 05 Febraury, 2022

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस दौरान कहा है कि हमारी एडवाइजरी जारी होने के बाद, अब तक लगभग 18,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन की सीमाओं को छोड़ चुके हैं। इसमें कुछ ऐसे भारतीय भी शामिल हैं, जिन्होंने पहले दूतावास में पंजीकरण नहीं कराया था। उन्होंने यह बातें कहीं।

                                                                  अरिंदम बागची

30 उड़ानों से अब तक 6,400 भारतीय स्वदेश पहुंचे: अरिंदम बागची

मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा पिछले 24 घंटों के दौरान, छह उड़ानें भारत आई हैं, जिससे कुल उड़ानों की संख्या 15 हो गई है और इन उड़ानों से लौटने वाले भारतीयों की संख्या 3,352 है। इस तरह ऑपरेशन गंगा के तहत कुल उड़ानों की संख्या 30 और वापस लाए गए भारतीय नागरिकों की संख्या लगभग 6,400 है।

बागची ने कहा भारतीय वायु सेना के विमान, बुखारेस्ट (रोमानिया) से पहली C-17 उड़ान के साथ ऑपरेशन गंगा में शामिल हो गए हैं, जिससे आज रात में दिल्ली लौटने की उम्मीद है। बुडापेस्ट (हंगरी), बुखारेस्ट (रोमानिया) और रेजजो (पोलैंड) से आज 3 और IAF उड़ानें शुरू की जाएंगी।

बागची ने कहा खारकीव में जो भारतीय फंसे हैं, उन्हें तुरंत वहां से तीन सुरक्षित ज़ोन पहुँचने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इसके लिए, खारकीव के पास की तीन जगहें (पिसोचिन,बेज़लुडोव्का और बाबे) सुरक्षित जोन बताई गई हैं। नागरिकों को आज 6 बजे (यूक्रेनी समय) तक इन इलाकों में पहुंचने को कहा गया। उन्होंने कहा एडवाइजरी रूसी पक्ष से प्राप्त इनपुट के आधार पर जारी की गई है। हमने खुद से एडवाइजरी में जगह और समय तय नहीं किया है, ये इनपुट पर आधारित है।

जिनका पासपोर्ट खो गया है उन्हें आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन के शहर चिंता का विषय बने हुए हैं। अच्छी खबर यह है कि कुछ छात्र कल रात और आज सुबह खारकीव से ट्रेन में सवार हो गए हैं। हम खारकीव और अन्य शहरों से अपने नागरिकों के सुरक्षित मार्ग के संबंध में रूसी पक्ष के साथ बात कर रहे हैं। जिन लोगों ने अपना भारतीय पासपोर्ट खो दिया है, उन्हें आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक मकैनिज्म स्थापित किया गया है। इससे कई भारतीय छात्रों को भी मदद मिलेगी।

मंत्रालय ने बताया कि प्रधामंत्री कई देशों के नेताओं से बात कर रहे हैं। जब भी ऐसी बातचीत होती है तो हम आपके साथ साझा करते हैं। दूतावास (कीव में) को भारतीयों को सीमा पार करने की सुविधा देने के लिए लवीव में एक अस्थायी कार्यालय स्थापित करने के लिए कहा गया था। इस उद्देश्य के लिए हमारी दूतावास टीम का एक बड़ा हिस्सा अब लवीव में है। मंत्रालय ने कहा हम वहाँ फंसे नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए पूर्वी यूक्रेन पहुँचने के विकल्प तलाश रहे हैं। हम देख रहे हैं कि क्या हमारी टीमें वहां पहुंच सकती हैं, यह आसान नहीं है क्योंकि रास्ता हर समय खुला नहीं रहता है।

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