उत्तराखंड के पर्वतीय नगरों और और कस्बों में सुरंग वाली पार्किंग बनाई जाएंगी। जगह की कमी और जाम की समस्या को देखते हुए लोक निर्माण विभाग की ओर से इसका प्लान तैयार किया जा रहा है।
चारधाम मार्ग के प्रमुख पड़ावों के साथ ही कुमाऊं के कई कस्बों में आबादी और पर्यटकों का दबाव तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से आए दिन बाजारों में जाम लगता रहता हे। इस समस्या को देखते हुए अब लोनिवि की ओर से टनल बेस्ड पार्किंग की योजना बनाई गई है।
जल संस्थान के सहायक अभियंता त्रेपन सिंह रावत ने बताया कि साढ़े छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गनहिल में वर्ष 1908 व 1920 में तीन पानी भंडारण टैंक बनाए गए थे, जिनकी क्षमता 1558 किलो लीटर है।
इनसे मसूरी के कुलड़ी, कैमल्स बैक रोड, नानपारा सहित 40 प्रतिशत उपभोक्ताओं को पेयजल आपूर्ति होती है। गनहिल के व्यापारियों ने इन्हीं टैंकों के ऊपर झूले, मेज-कुर्सी सहित अन्य अतिक्रमण कर लिया था। अतिक्रमण के कारण इन टैंकों पर भार बढ़ गया था। उन्होंने बताया कि भंडारण टैंक पूरे साल पानी से भरे रहते हैं। भार बढऩे से हादसा होने का डर बना हुआ था।
लोनिवि के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा, ‘राज्य के अधिकांश बाजारों और कस्बों में पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। खासकर यात्रा सीजन में यह दिक्कत बहुत बढ़ रही है। ‘