Union Bank Of India के बैंक प्रबंधन के कहने पे अपनी जमा पूंजी से कराई बिल्डिंग की मरम्मत परन्तु अब बैंक किराया लेने से कर रहा इनकार। दलालों के बहकावे में आकर बिल्डिंग कर रहे खाली। यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक तथा क्षेत्रीय प्रबंधक को भेजा लीगल नोटिस, कोर्ट में जाने की चेतावनी।
Union Bank Of India, विवादों के घेरे में
चाचौड़ा तहसील के ग्राम पेंची मैं संचालित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एक बार फिर विवादों के घेरे में है। पूर्व में कई बार बैंक प्रबंधन पर अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं तथा बैंक स्टाफ के ग्राहकों से लड़ने-झगड़ने के मामले भी सामने आए थे। बैंक की कई घटनाएं थाने कचहरी तक पहुंच चुकी हैं। अब एक बार फिर बैंक प्रबंधन विवादों के घेरे में है। इस बार विवाद किसी और से नहीं बल्कि जिस भवन में बैंक पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय से संचालित है उसी भवन के मालिक से है। दरअसल दिवगंत पारसमल जैन द्वारा बहुत ही न्यूनतम दर पे बैंक को किराए पर बिल्डिंग दी गई थी तथा इसके बाद उनके द्वारा अपने बेटे सुरेंद्र कुमार जैन के नाम बैंक की लीज डीड करवाई तथा भवन स्वामी के रूप में सुरेंद्र कुमार जैन ही किराया लेते आ रहे थे परंतु पारिवारिक विभाजन में उक्त भवन परिवार के सबसे छोटे भाई अशोकनगर न्यायालय में पदस्थ अनिल कुमार जैन के हिस्से में आने पर अनिल कुमार जैन द्वारा फरवरी 2017 में बैंक प्रबंधन को सूचित करते हुए लीज डीड करने को पत्र लिखा। उल्लेखनीय है की दो मंजिला भवन बैंक को सिर्फ डेढ़ हजार रुपए प्रतिमाह किराए पर दिया हुआ है।
अनिल कुमार जैन द्वारा बैंक की मरम्मत
अनिल कुमार जैन द्वारा बैंक के अनुकूल भवन की मरम्मत तथा पुनर्निर्माण कराने का वचन देते हुए किराए की दर तय कर ली तथा अपना शपथ पत्र और सर्च रिपोर्ट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक को सौंपी गई। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर हरीश कुमार गोगिया के द्वारा अनिल कुमार जैन द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर उन्हें भवन की मरम्मत और पुनर्निर्माण करके बैंक को सौंपने के लिए पत्र लिखा निर्माण कार्य पूरा होने पर लीज डीड कराने की बात तय हुई दोनों पक्षों में। बैंक प्रबंधन के आश्वासन पर अनिल कुमार जैन के द्वारा अपनी जीवन भर की जमा पूंजी
लगा कर बैंक की मरम्मत व नवीनीकरण कराया परंतु अब बैंक प्रबंधन अपने द्वारा दिए वचन से मुकर गया है तथा अनिल कुमार जैन के साथ उक्त भवन की लीज डीड नहीं कर रहा है। बैंक के द्वारा भवन की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण पिछले कई सालों से भवन रिपेयरिंग की बात कही जा रही थी परंतु भवन रिपेयरिंग के बाद बैंक अब अपनी शर्तों से मुकर रहा है।
मरम्मत के लिए बैंक से मांगी थी राशि
दरअसल अनिल कुमार जैन की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तथा भवन की मरम्मत रंगाई-पुताई तथा नव निर्माण के लिए अनिल कुमार जैन द्वारा बैंक प्रबंधन को 500000 रुपय ऋण प्रदान करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें अनिल कुमार जैन के द्वारा बैंक की शर्तों के अनुसार भवन का नवीनीकरण तथा ATM मशीन के लिए बैंक भवन के पास में ही एक अन्य कमरा तथा पार्किंग के लिए सेट बनवाकर देने की बात कही थी परंतु बैंक के द्वारा अनिल कुमार जैन को नवीनीकरण के लिए ऋण नहीं दिया इसके बाद अनिल कुमार जैन के द्वारा अपनी जमा पूंजी में से बैंक की मांग के अनुसार भवन की मरम्मत कराई पर लाखों रुपए खर्च होने के बाद बैंक प्रबंधन अब बिल्डिंग को किराए पर लेने से इंकार कर रहा है। अनिल कुमार जैन के द्वारा अपनी जीवन भर की जमा पूंजी बैंक की रिपेयरिंग में लगा दी है बैंक के द्वारा बिल्डिंग अगर खाली कर दी गई तो गांव में उसकी कोई उपयोगिता नहीं रह जाएगी।
नवीन भवन के लिए जारी विज्ञप्ति, निरस्त करने की मांग
उक्त भवन का निर्माण कर कराने के दौरान ही बैंक के द्वारा शाखा के लिए परिसर की आवश्यकता है इस निमित्त विज्ञप्ति जारी की गई अनिल कुमार जैन द्वारा अगस्त 2017 में सहायक महाप्रबंधक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भोपाल को पत्र लिखकर सूचित किया कि उनके द्वारा बैंक बिल्डिंग की रिपेयरिंग पर करीब 800000 रुपय खर्च हो चुके हैं तथा और भी राशि खर्च होने की संभावना है अनिल कुमार जैन ने अपने पत्र में बैंक को स्मरण कराया है कि बैंक प्रबंधक द्वारा बैंक भवन की रिपेयरिंग और लीज डीड हेतु मुझे स्वीकृति प्रदान की है अतः यह विज्ञप्ति निरस्त की जाए परंतु बैंक के द्वारा अनिल कुमार जैन के पत्र को गंभीरता से नहीं लिया गया। बैंक प्रबंधन की ओर से समय सीमा में निर्माण कार्य पूरा ना होने के कारण शाखा की आवश्यकता एवं ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अनिल कुमार जैन के प्रस्ताव को निरस्त करने की बात कही।
बैंक प्रबंधन को थमाया लीगल नोटिस
भवन स्वामी अनिल कुमार जैन के द्वारा अपने अधिवक्ता आदित्य मोहन द्विवेदी के द्वारा मार्च 2018 में शाखा प्रबंधक समेत क्षेत्रीय प्रबंधक को लीगल नोटिस भेजा गया है। लीगल नोटिस के अनुसार बैंक की ओर से लिखित सहमति पत्र के अनुसार अनिल कुमार जैन के द्वारा अपने दो मंजिला भवन का पुनर्निर्माण कराया तथा बैंक की जरूरत और मांग के अनुसार भवन तैयार कराया परंतु बैंक भवन बनकर तैयार होने के बाद बैंक प्रबंधन के द्वारा भवन किराए पर लेने की विज्ञप्ति जारी की गई तथा अन्य भवन में बैंक को स्थानांतरित किया जा रहा है जिससे भवन स्वामी अनिल कुमार जैन को बैंक प्रबंधन की कारण काफी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है लीगल नोटिस में मानसिक एवं शारीरिक कष्ट के लिए बैंक से क्षतिपूर्ति राशि की मांग की गई है अन्यथा सक्षम न्यायालय में कार्रवाई करने की बात कही गई है।
दलालों के बहकावे में आकर भवन कर रहे खाली
अनिल कुमार जैन के द्वारा मार्च 2018 में महाप्रबंधक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया मुंबई को पत्र लिखकर संपूर्ण प्रकरण से अवगत कराया है। श्री जैन का कहना है कि उनके द्वारा बैंक के साथ शर्तों के अनुसार बैंक बिल्डिंग रिपेयरिंग कराकर बैंक को सौंपी गई तथा वर्तमान में भी उसी भवन में बैंक भलीभांति संचालित है। बैंक की आवश्यकता तथा ग्राहकों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा गया है परंतु दूसरी ओर यूनियन बैंक की शाखा के द्वारा अनिल कुमार जैन के द्वारा तय अनुबंध के बावजूद समाचार पत्रों में भवन किराए पर लेने की विज्ञप्ति जारी करवाई है। अनिल कुमार जैन के द्वारा बैंक के मैनेजमेंट से गुहार लगाई है कि उनके द्वारा अपनी जीवन भर की जमा पूंजी खर्च कर बैंक बिल्डिंग रिपेयर कराई गई है इस कारण बैंक अन्य भवन में स्थानांतरित ना की जाए अनिल कुमार जैन के द्वारा स्थानीय स्टाफ पर आरोप लगाया कि दलालों के कहने में आकर अन्य भवन में बैंक की शाखा स्थानांतरित करने का प्रयास किया जा रहा है।
नए भवन में पार्किंग समस्या
दरासाल अनिल कुमार जैन द्वारा बताया गया कि बैंक प्रबंधन द्वारा उनके भवन के सामने ही एक अन्य भवन किराए पर लेने की बात सामने आ रही है श्री जैन का कहना है कि उनके द्वारा दो मंजिला भवन बैंक को किराए पर दिया गया था तथा बैंक के पीछे काफी बड़ा भूखंड है जिस पर बैंक का जनरेटर रखा जाता था तथा दो पहिया तथा चार पहिया वाहन पार्क होते थे परंतु नए 1 मंजिला भवन में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है अनिल कुमार जैन द्वारा बताया गया कि उनके भवन को पीछे की ओर से ऊंची बाउंड्री करके सुरक्षित किया गया है जबकि नए भवन सुरक्षा के लिहाज से फिट नहीं बैठता है।
बैंक की शाखा जिस भवन में संचालित है वह जर्जर हालत में है। नवीन भवन में पुराने भवन की तुलना में स्पेस भी ज्यादा है। अनिल कुमार जैन द्वारा समय सीमा में मरम्मत कार्य पूरा नही कराया गया है। बैंक द्वारा अन्य भवन को किराए पे लेने की सभी औपचारिक ताएँ पूरी कर ली है। बैंक की रेपुटेशन ओर ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है।
- अशोक मिश्रा, चीफ मैनेजर, पीएसेसडी, रीजनल ऑफिस, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ग्वालियर