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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर के 250 बच्चों से संवाद किया

नई दिल्ली, (दया शंकर चौधरी)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज (24 फरवरी) नई दिल्ली में वतन को जानो कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर के 250 बच्चों से संवाद किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव और निदेशक, आसूचना ब्यूरो उपस्थित थे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं और बच्चों को देश के जीवंत विकास, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराना है, ताकि वे सामाजिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करें।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में 'वतन को जानो' कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर के 250 बच्चों से संवाद किया

संवाद के दौरान केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम हमारे देश को पहचानने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि हमारा देश हमारा घर है और जिस तरह हम अपने पूरे घर को जानते हैं वैसे ही हमें पूरे देश को जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसीलिए भारत सरकार ने वतन को जानो कार्यक्रम बनाया। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धारा 370 को ख़त्म कर पूरे वतन को एक कर दिया और अब कश्मीर के बच्चों का भी देश पर उतना ही अधिकार है जितना किसी अन्य प्रदेश के बच्चों का है।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस साल से भारत को समृद्ध, आधुनिक और विकसित बनाने और दुनिया में प्रथम बनाने के लिए अनेक प्रयास किये गए हैं। आने वाले समय में दुनिया के बहुत सारे देशों से भारत में बच्चे पढ़ने आएंगे और जब भारत आगे बढ़ेगा तो सबका आगे बढ़ना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि भारत जितना समृद्ध, आधुनिक और विकसित होगा सभी को उतना ही फायदा होगा।

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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी जी के शासन में जम्मू कश्मीर में शिक्षा , उद्योग, अस्पताल और पीने के पानी की व्यवस्था के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के बड़े-बड़े काम हुए हैं। दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज कश्मीर में बना है, एशिया की सबसे बड़ी सुरंग कश्मीर में है, देश में एकमात्र केबल सस्पेंशन ब्रिज भी कश्मीर में बना है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में 'वतन को जानो' कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर के 250 बच्चों से संवाद किया

उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर देश का अकेला  ऐसा प्रदेश है जहां दो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) हैं। जम्मू और कश्मीर में दो भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) हैं। यहाँ 24 बड़े कॉलेज और 8 विश्वविद्यालय भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर इनकी जगह बम धमाके और दहशतगर्दी थी। पिछले 10 साल में कश्मीर में पत्थरबाज़ी, बम धमाके और दहशतगर्दी समाप्त हुई  है और स्कूल खुल सके हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में कश्मीर में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। सड़कें, अस्पताल, पुल, विश्वविद्यालय, आदि तो बने ही हैं, इनके साथ ही पंचायत और नगर पालिका स्तर पर 36 हज़ार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को उनके अधिकार मिले हैं।

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अमित शाह ने कहा कि विकास तभी आ सकता है जब शांति होती है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से किसी का फायदा नहीं है। पिछले 30 साल में कश्मीर में 38 हज़ार लोग मारे गए। श्री शाह ने कहा कि कश्मीर में नागरिकों की मृत्यु में 80 प्रतिशत की कमी आई है और इससे लोग खुश हैं, लेकिन असली खुशी तब होगी जब जम्मू कश्मीर के एक भी नागरिक की जान ने जाए। गृह मंत्री ने कहा कि दहशतगर्दी से जम्मू-कश्मीर के एक भी व्यक्ति की जान न जाए, ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा ऐसा जम्मू कश्मीर बनाने की ज़िम्मेदारी बच्चों और युवाओं की है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन में जम्मू कश्मीर में आई शांति को स्थायी शांति में परिवर्तित करना है। श्री शाह ने कहा कि कोई सरकार जम्मू और कश्मीर में शांति नहीं रख सकती, सिर्फ बच्चे ही ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर जम्मू और कश्मीर का हर बच्चा अपने माता-पिता और पड़ोसियों को यह समझाए कि पूरा देश हमारा है, हमें सबके साथ अमन-शांति के साथ रहकर यहां से दहशतगर्दी को निकालना है तो पुलिस या सेना की ज़रूरत ही नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि वो दिन अब दूर नहीं है क्योंकि जब किसी के हाथ में हथियार ही नहीं होगा तो हथियारों के साथ पुलिस या सेना की ज़रूरत भी नहीं होगी।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में 'वतन को जानो' कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर के 250 बच्चों से संवाद किया

अमित शाह ने बच्चों से कहा कि वे वापिस जाकर अपने गांव में माता-पिता, भाई-बहन, दोस्तों, सगे-संबंधियों और अपने गांव में अमन, शांति और विकास की बात करें। उन्होंने कहा कि ये देश सभी का है और ये विश्वास पूरे जम्मू कश्मीर की जनता को दिलाना है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में इतना विकास किया है जिसके कारण बहुत सारी संभावनाएं और अवसर युवाओं और बच्चों की राह देख रही हैं और उन्हें इन मौकों का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबको जम्मू कश्मीर में आई शांति को स्थायी शांति में परिवर्तित करना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर के 9-18 आयु वर्ग के 62 लड़कियों और 188 लड़कों सहित कमजोर वर्गों के 250 बच्चों ने गृह मंत्रालय के समन्वय में जम्मू-कश्मीर सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम के तहत जयपुर, अजमेर और दिल्ली का दौरा किया। 15 फरवरी, 2025 को शुरू हुई अपनी यात्रा के दौरान बच्चों ने जयपुर और अजमेर में कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक स्थानों का दौरा किया। ये बच्चे गणमान्य व्यक्तियों से मिलने और राष्ट्रीय राजधानी में कुतुब मीनार, लाल किला और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों का भ्रमण करने के लिए 23 फरवरी को दिल्ली पहुंचे। ये बच्चे 27 फरवरी, 2025 को जम्मू-कश्मीर लौटेंगे।

गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर सरकार, यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम आयोजित करते रहे हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं और बच्चों को देश के जीवंत विकास, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराना है, ताकि वे सामाजिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करें। इस कार्यक्रम से युवाओं की सोच पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर के युवाओं और बच्चों के विकास और प्रगति के लिए ऐसी पहल के प्रति कटिबद्ध है। ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम एक ऐसी ही पहल है, जिसके माध्यम से जम्मू-कश्मीर पुनर्वास परिषद द्वारा चिन्हित आतंकवाद प्रभावित परिवारों और/या जम्मू-कश्मीर के समाज के कमजोर वर्गों के बच्चों को भ्रमण के लिए ले जाया जाता है।

इस कार्यक्रम के तहत युवाओं और बच्चों का चयन मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर के जिलों के विभिन्न अनाथालयों से किया जाता है और इसमें आतंकवाद से प्रभावित परिवारों, निराश्रित और कमजोर वर्ग के बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है। सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि के अलावा चयन के अन्य मानदंडों में शिक्षा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में दक्षता शामिल है। अब तक लगभग 2868 युवा/बच्चे ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम में भाग ले चुके हैं।

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