लखनऊ। पिछले एक साल से खाली पड़ी सूबे के मुख्य सूचना आयुक्त की कुर्सी संभालते ही सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी भवेश कुमार सिंह पर सबालों की बौछार शुरू हो गई है. सूबे की तेजतर्रार आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने भवेश को पत्र देकर उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में व्याप्त समस्यायें बताते हुए आरटीआई एक्ट की धारा 15(4) के तहत प्रदत्त शक्तियों का सम्यक रूप से यथेष्ट प्रयोग करके आयोग को इन समस्याओं से शीघ्रातिशीघ्र मुक्त कराने की मांग की है.
अपने द्वारा उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में दायर की गई याचिका के बाद आयोग द्वारा गठित की गई विशाखा समिति से सम्बंधित सूचना पट नहीं लगाए जाने को खेदपूर्ण बताते हुए उर्वशी ने आयोग के प्रशासन पर महिलाओं के प्रति उदासीन रवैया रखने का आरोप लगाया है और भवेश से आयोग परिसर में मुख्य-मुख्य स्थानों पर विशाखा समिति से सम्बंधित सूचना पट तत्काल प्रदर्शित कराने की मांग की है.
आयोग के ‘रूल्सऑफ़बिज़नेस’ बनाकर लागू करने के साथ साथ आयोग में दाखिल होने वाली अपीलों और शिकायतों का निपटारा अधिकतम 45 दिनों में किया जाना उर्वशी की मांगों में शामिल है.उच्चतम न्यायालय द्वारा Writ Petition(s)(Criminal) No(s). 99/2015 में पारित किये गए आदेशों के अनुसार आयोग के सभी 11 सुनवाई कक्षों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराकर सभी सुनवाईयां सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कराने की व्यवस्था लागू करने,आयोग के सभी 11 सुनवाई कक्षों में कोड ऑफ़ सिविल प्रोसीजर 1908 की धारा 153B के अनुसार खुली सुनवाई की व्यवस्था लागू करने,मुख्य सूचना आयुक्त व 10 सूचना आयुक्तों के मध्य नियत कार्यक्षेत्र तथा सुनवाई कक्षों के स्टाफ का ट्रान्सफर नहीं होने के कारण सुनवाई कक्षों में पनप चुके भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए अन्य अर्ध न्यायिक संस्थाओं की भांति आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व 10 सूचना आयुक्तों को आबंटित कार्यक्षेत्र के रैंडम चक्रीकरण तथा सुनवाई कक्षों के स्टाफ का समय-समय पर रैंडम ट्रान्सफर करने की प्रक्रिया का निर्धारण करके इस व्यवस्था को लागू करने,सुनवाई कक्ष संख्या S-2 के सूचना आयुक्त का पद रिक्त चलने के कारण सुनवाई कक्ष संख्या S-2 के सूचना आयुक्त को आबंटित सभी लोक प्राधिकरणों को मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य कार्यरत सूचना आयुक्तों को आबंटित कर सम्बंधित अपीलों और शिकायतों की नियमित सुनवाई तत्काल आरम्भ करने,जन सूचना अधिकारियों के खिलाफ एक्ट की धारा 20(1) के तहत लगे अर्थदण्ड को विभाग के बजट से राजकोष में जमा करने की अनियमितता की जांच कराने, और आयोग की वेबसाइट को तत्काल अपडेट कराकर एक्ट की धारा 4(1)(b) की लेटेस्ट सूचना तत्काल प्रदर्शित कराने की माग भी उर्वशी ने की है.
उर्वशी ने वर्तमान में कार्यरत तीन सूचना आयुक्तों रचना पाल,किरण बाला चौधरी और राजीव कपूर के खिलाफ भी शिकायत भेजकर भवेश से जांच की मांग की है.
आयोग आने वाले आरटीआई प्रयोगकर्ताओं की समस्याओं को जानने के लिए आयोग द्वारा निर्धारित संख्या के आरटीआई प्रयोगकर्ताओं का रैंडम आधार पर चयन करके आयोग द्वारा निर्धारित समय अंतराल पर आरटीआई प्रयोगकर्ताओं, सूचना आयुक्तों व आयोग के पदाधिकारियों के मध्य बैठकों का आयोजन आरम्भ किये जाने की बात उठाते हुए उर्वशी ने उम्मीद जताई है कि भवेश यूपी के सूचना आयोग में व्याप्त समस्याओं का निराकरण करते हुए प्रदेश की योगी सरकार सरकार की पारदर्शिता-उन्मुख मंशा के अनुसार आयोग की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी और जबाबदेह बनाने के अपने पदीय दायित्व का निर्वहन अवश्य करेंगे.