नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बिलरियागंज की घटना के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश सदन में मुख्य विपक्षी पार्टी ने पहले दिन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर सरकार पर हमला बोला तो कांग्रेस ने सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कांग्रेस ने अखिलेश यादव के खिलाफ पोस्टर वार शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की ओर से शहर में पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें कांग्रेस ने सवाल किया है कि सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम महिलाओें पर पुलिसिया बर्बरता पर अखिलेश यादव क्यों चुप हैं।
अखिलेश यादव 2019 के चुनावों के बाद से आजमगढ़ से लापता हैं। पोस्टर पर अखिलेश यादव की फोटो लगाई गई है और फोटो के मुंह पर पट्टी लगाई गई है। कांग्रेस के पोस्टर वार को सियासी नजरिए से देखा जा रहा है, क्योंकि सपा मुसलमानों की हमेशा हितैषी होने का दावा करती रही है। वर्ष 2014 के चुनाव के बाद जब मुलायम सिंह चुनाव जीतने के बाद आजमगढ़ नहीं आए तो भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता सुफियान खान ने सगड़ी क्षेत्र में पोस्टर लगाया था।