लखनऊ। यूपी में 16 जुलाई से घर-घर दस्तक अभियान शुरू होगा और इसमें मेडिकल टीमें घर-घर जाकर संक्रामक रोगों से ग्रस्त मरीजों की पहचान करेंगी। इस टीम में आशा वर्कर के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी शामिल रहेंगे। टीम की मदद से रोगियों को चिन्हित कर उन्हें दवा दी जाएगी और जरूरी होने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। अगर सर्वे के दौरान ऐसे मरीज मिलते हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा अभियान मे कुपोषित बच्चों की जानकारी जुटाने का निर्देश भी दिया गया है। दस्तक अभियान के तहत टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोजकर उनकी जांच कराई जाएगी।
यूपी भर में एक बार फिर से विशेष संचारी रोग अभियान की शुरूआत एक जुलाई से की जा चुकी है। योगी सरकार ने संचारी रोगों पर वार करने के लिए अपनी कमर कसते हुए विभागों की ओर से तैयार किए गए माइक्रो प्लान के अनुसार जमीनी स्तर पर तेजी से काम हो रहा है। जिसके तहत विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एक जुलाई से 31 जुलाई तक और दस्तक अभियान 16 से 31 जुलाई तक चलेगा। हाई रिस्क क्षेत्रों व दस्तक अभियान के दौरान घर-घर टीमों के द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर चिन्हित क्षेत्रों में फॉगिंग की जाएगी।
इस अभियान को प्रभावी सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने इंसेफेलाइटिस नियंत्रण और कोविड प्रबंधन के दो सफल मॉडल पेश किए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मॉडल को संचारी रोग अभियान में भी महत्वपूर्ण बताया है। सीएम ने डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य जैसे वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित स्वच्छता और फॉगिंग अभियान को सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने सूकर बाड़ों को आबादी से दूर व्यवस्थापित करने के साथ ही स्वच्छता और फॉगिंग पर विशेष जोर देने की बात कही। उन्होंने बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए मलिन बस्तियों में साफ-सफाई, नियमित फॉगिंग, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने और क्लोरीन की गोलियां वितरित करने के आदेश दिए हैं।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी