लखनऊ। साल भर मुखिया-विहीन रहा उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग अनेकों गंभीर समस्याओं से ग्रसित हो गया था जिनमें से दर्जन भर मुख्य समस्याओं को सामने रखते हुए राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी व्यवस्था परिवर्तक, समाजसेविका और नामचीन आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने बीती 15 फरवरी को सूबे के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार विभाग समेत आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त, सचिव और रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर समस्याओं का निराकरण कराने की मांग की थी।
गौरतलब है कि उर्वशी की शिकायत के एक बिंदु पर कार्यवाही करते हुए सीआईसी भवेश कुमार सिंह बीती 2 मार्च को ही खाली चल रहे सुनवाई कक्ष संख्या S-2 के सभी विभागों और कार्यालयों को मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य कार्यरत सूचना आयुक्तों को आबंटित कर चुके हैं और इनकी अपीलों और शिकायतों की नियमित सुनवाई शुरू हो चुकी है। इनमें से बरेली मंडल सूचना आयुक्त नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को, चित्रकूट मंडल अजय कुमार उप्रेती को तथा शासन के समग्र ग्राम्य विकास, पशुधन, खाद्ध्य एवं रसद, धर्मार्थ कार्य, प्राविधिक शिक्षा, निजी पूंजी निवेश, लोक सेवा प्रबंधन विभाग सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह को आबंटित कर दिया गया है। शासन के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य,सिंचाई एवं जल संसाधन,राज्य संपत्ति विभाग को सीआईसी भवेश कुमार सिंह ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है।
इसी बीच सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी यूपी सूचना आयोग की समस्याओं के सम्बन्ध में एक्टिविस्ट उर्वशी की शिकायत का संज्ञान लेकर सख्त रुख अख्तियार किया है। और उर्वशी की शिकायत को अपने सचिवालय के जरिये मूल रूप में आयोग के सचिव को शीघ्रता से भिजवाते हुए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं।
उर्वशी द्वारा उठाई गई 12 समस्याओं में से 1 का समाधान हो गया है और 11 समस्याओं का समाधान होना अभी बाकी है। बाकी बची शिकायतों में आयोग परिसर में मुख्य-मुख्य स्थानों पर महिला उत्पीडन निवारण संबंधी विशाखा समिति के सूचना पट तत्काल प्रदर्शित कराने, आयोग के ‘रूल्स ऑफ़ बिज़नेस’ बनाकर लागू कराने, आयोग के सभी सुनवाई कक्षों में सुनवाईयां सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कराने, आयोग के सभी सुनवाई कक्षों में खुली सुनवाई की व्यवस्था लागू कराने, मुख्य सूचना आयुक्त समेत सभी सूचना आयुक्तों को आबंटित कार्यक्षेत्र के रैंडम चक्रीकरण तथा सुनवाई कक्षों के स्टाफ का समय-समय पर रैंडम ट्रान्सफर करने की व्यवस्था को लागू कराने, आयोग की वेबसाइट को अपडेट कराकर आरटीआई एक्ट की धारा 4(1)(b) की लेटेस्ट सूचना तत्काल प्रदर्शित कराने, सूचना आयुक्त रचना पाल द्वारा हितों के टकराव के सिद्धांत के खिलाफ लखनऊ के पुलिस महकमे से सम्बंधित मामलों का पर्यवेक्षण करने के कारण रचना पाल से पुलिस महकमा हटाने, सूचना आयुक्त किरण बाला चौधरी को आयुक्त कक्ष की जगह सुनवाई कक्ष में बैठकर खुद सुनवाई करने को बाध्य करने,सूचना आयुक्त राजीव कपूर को घर से आयोग बुलाकर सुनवाई कक्ष में बैठकर खुद सुनवाई करने को बाध्य करने और सूचना आयोग आने वाले आरटीआई प्रयोगकर्ताओं और सूचना आयुक्तों व आयोग के पदाधिकारियों के साथ बैठकों का आयोजन आरम्भ किये जाने की शिकायतें प्रमुख हैं जिनके सम्बन्ध में सूबे के राजभवन ने संज्ञान लिया है और आयोग के सचिव को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।