यूपी विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन हंगामे के साथ कार्यवाही शुरू होने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में सवाल-जवाब हुए।सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग देखने को मिली.
अखिलेश यादव ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कहा कि अगर सरकार के पास बजट नहीं है तो मुख्यमंत्री को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार सभी स्वास्थ्य सेवाओं को प्राइवेट कर देना चाहती है जिससे इलाज आम लोगों से दूर हो जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आज हालात ये की एंबुलेस समय पर नहीं पहुंचती, 108 एंबुलेंस के बुरे हाल, गरीब पैसा नहीं दे पाया तो लौटा दिया गया, एक्सरे जांच के लिए मरीज भटकता है.
उन्होंने इस दौरान सपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया।नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कहती है कि अस्पतालों में स्टाफ नहीं है तो भर्ती करें। पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल में डॉक्टर उपलबध करवाएं।
उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो मुफ्त इलाज देने का वादा करती है दूसरी तरफ सभी तरह की जांच प्राइवेट हाथों में दे रही है। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कहा जाता है कि दिल्ली वाले मदद नहीं करते हैं। दिल्ली वालों को समझाना चाहिए कि दिल्ली की सरकार यूपी से बनती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘जो लोग हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाते थे उन्हें हमने पहुंचाया, आज इंसेफ्लाइटिस की बीमारी जीरो पर पहुंची है, नेता प्रतिपक्ष जैसा बोल रहे थे ऐसा लगा ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’.