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प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जायेगा तथा पूरी पारदर्शिता के साथ इसका लाभ लोगों को दिया जायेगा
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आने वाले समय में प्रदेश की जनता को 24 घण्टे उच्च गुणवत्ता एवं व्यवधानमुक्त विद्युत आपूर्ति मिलेगी
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विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष राजस्व वसूली पर ध्यान दिया जायेगा – ऊर्जा मंत्री एके शर्मा
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ऊर्जा विभाग की पहली प्राथमिकता उपभोक्ताओं को निर्वाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना है
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आपूर्ति के सापेक्ष राजस्व वसूली को बढ़ाना तथा विद्युत व्यवस्था के ढांचे को सुदृढ़ करना आवश्यक – अपर मुख्य सचिव, अवनीश कुमार अवस्थी
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, August 10, 2022
लखनऊ: गोमती नगर के विभूति खण्ड स्थित विद्युत के SLDC परिसर में यूपी पावर कॉनक्लेव-2022 का आयोजन किया गया। इस कॉनक्लेव की चर्चा का मुख्य विषय प्रदेश को बिना किसी व्यवधान के निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान करने बारे में था। प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के पावन अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित कर पावर कॉनक्लेव का शुभारम्भ किया।
इसके अलावा उपभोक्ताओं को 24×7 बिजली की आपूर्ति हो सके, इसके लिए राज्य की विद्युत वयवस्था को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप सुदृढ़ करने के बारे में भी चर्चा की गयी। इसके अलावा, वर्ष 2030 तक कार्बन में जीरो एमीशन प्राप्त करने के लिए कोयला आधारित उत्पादन प्लाण्टों पर निर्भता कम करने तथा ग्रीन एनर्जी के लिए रिन्यूएवल एनर्जी का बढ़ावा देने के बारे में भी विचार किया गया।
इस आयोजन में केन्द्र एवं राज्य सरकार की विद्युत की सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया और एनर्जी ट्रांनजीशन इमर्जिंग रिन्युएवल टेक्नोलॉजी, थर्मल कैपासिटी, ग्रीन हाइड्रोजन, बायोफ्यूल, बायो सीएनजी एवं सोलर एनर्जी, वितरण और उपभोग के क्षेत्र में नई तकनीक का प्रयोग, लाइनलॉस कम करने, स्मॉर्ट मीटरिंग के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई और एक्सपर्ट ने अपनी राय रखी और इससे संबंधित अपने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर मंत्री ऐके शर्मा ने आयोजन सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने, स्वच्छ ऊर्जा एवं अक्षय ऊर्जा की दिशा में ले जाने के लिए यह कॉनक्लेव अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इससे आने वाले समय में प्रदेश की जनता को 24 घण्टे उच्च गुणवत्ता एवं व्यवधानमुक्त विद्युत आपूर्ति मिलेगी। इसमें देश एवं प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ विद्युत उत्पादन, वितरण, ट्रांसमिशन एवं वैकल्पिक ऊर्जा के विषय पर अपनी राय व्यक्त करेंगे, जो बहुत उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जायेगा तथा पूरी पारदर्शिता के साथ इसका लाभ लोगों को दिया जायेगा।
ऊर्जा मंत्री ने देश भर से ऊर्जा क्षेत्र के प्रतिनिधियों का इसमें शामिल होना दर्शाता है कि आने वाला समय प्रदेश की ऊर्जा व्यवस्था में सुधार कर देश में अग्रणी भूमिका में लाना है। उन्होंने कहा कि आज बिजली लोगों की बेसिक जरूरत बन गई है। लोगों के जीवन में बिजली से महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। बिजली के वगैर जीवन चलना अब आसान नहीं, इससे प्रत्येक नागरिक की सुविधा जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा की खपत बढ़ेगी तो पूरे देश व दुनिया में इसका असर होगा। हमारे पड़ोसी राज्यों का ऊर्जा उपभोग हमसे अच्छा है। जहां हम प्रतिवर्ष 600 यूनिट प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत करते हैं, वहीं गुजरात 2400 यूनिट तथा पूरे देश में 1200 यूनिट प्रति व्यक्ति खपत हो रही है।
उन्होंने कहा कि सामान्य नागरिकों को 24×7 बिना किसी रूकावट के निर्वाध विद्युत आपूर्ति मिले इसके प्रयास किये जायेंगे। लाइन हानियों को कम करने के प्रयास किये जायेंगे, जो अभी 28 से 29 प्रतिशत है। उन्होंने विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष राजस्व वसूली पर भी ध्यान देने को कहा। विगत माह 5500 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हुई, जो पहले 3800 करोड़ रुपये हो रही थी। उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षों में प्रदेश को अंधेरे से मुक्त किया गया। 1.21 लाख से अधिक मजरों को रोशन किया गया तथा 1.43 करोड़ नये कनेक्शन दिये गये।
ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ सोमेन्द्र तोमर ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत पांच वर्षों में ऊर्जा के क्षेत्र में काफी कार्य किया है, जिसकी देशभर में प्रशंसा हुई है। सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए एक सुदृढत्र व्यवस्था बनानी होगी, जिसमें यह पावर कॉनक्लेव अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इसमें विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत किये गये विचारों को ऊर्जा क्षेत्र में अपनाने की कोशिश की जायेगी।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि ऊर्जा विभाग की पहली प्राथमिकता उपभोक्ताओं को निर्वाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना है। साथ ही आपूर्ति के सापेक्ष राजस्व वसूली को बढ़ाना तथा विद्युत व्यवस्था के ढांचे को सुदृढ़ करना आवश्यक है। बिजली के क्षेत्र में बहुत से चैलेंजेज होते हैं जो कि इमिडिएट, मीडियम एवं लॉग टर्म के हो सकते हैं।
उन्होेंने कहा कि ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र में नई नीतियां लागू करना होगा और प्रदेश को अगले पांच वर्षों में 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी प्राप्त करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि बायोफ्यूल और सोलर एनर्जी से संबंधित नीति को शीघ्र ही लाया जायेगा और राजस्व वसूली को 60 हजार करोड़ रुपये प्रति माह तक बढ़ाना है, जिससे की प्रदेश की बिजली व्यवस्था के ढाँचे को मजबूत बनाया जा सके।