उपराष्ट्रपति वैकेया नायडू ने कोरोना पर विजय प्राप्त की है। इस अवसर पर उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। शुभ चिंतकों चिकित्सकों परिजनों सहित देश के सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि देशी भोजन, भारतीय जीवन शैली योग,आदि के बल पर कोरोना से लड़ने में सहायता मिली। ऐसा नहीं कि उपराष्ट्रपति ने कोरोना पीड़ित होने के बाद ही इन बातों पर अमल किया। वह कहते है कि उन्होंने सदैव ही भारतीय व्यंजनों को ही दिनचर्या में शामिल रखा है। टहलना व योग करना भी उनकी दिनचर्या में सम्मलित रहा है।
वस्तुतः उपराष्ट्रपति ने जो कहा उसे आज दुनिया स्वीकार कर रही है। भारत के आयर्वेद,योग की तरफ लोग आकर्षित हो रहे है। दुनिया में अभिवादन के रूप में लोग नमस्ते को अपना रहे है। इसे सर्वश्रेष्ठ माना जा रहा है। आयुर्वेद का काढ़ा ने कोरोना काल में अपनी उपयोगिता प्रमाणित की है। इस प्रकार की जीवन शैली व खान पान से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। उपराष्ट्रपति ने अपने अनुभव के आधार पर भारतीय जीवन शैली व खान पान पर अमल की सलाह दी है। इसी के साथ उन्होंने वर्तमान संकट में मास्क व दो गज दूरी को भी अपरिहार्य बताया है।