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परिवार नियोजन दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

मधुबनी। जिले में 13 से 25 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जागरूकता के उद्देश्य से जिले का सदर अस्पताल सहित सभी प्रखंडों में परिवार नियोजन दिवस मनाया गया। जिसके तहत लोगों को परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधन के बारे में जानकारी दी गई। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सोमवार को सभी प्रखंडों में एक-एक सारथी रथ चलाया गया। सारथी रथ के द्वारा लोगों को परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

•नियोजन संबंधी सेवाओं को सुनिश्चित कराने के लिए हर माह 21 तारीख को मनाया जाना है परिवार नियोजन दिवस।
•जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर सभी प्रखंडों में जागरूकता फैलायेगा सारथी रथ।
• सारथी रथ से छोटा परिवार सुखी परिवार की महत्ता की दी जाएगी जानकारी।
•स्थायी एवं अस्थायी विधियों के बारे में मिलेगी जानकारी।

सिविल सर्जन सुनील कुमार झा ने कहा सामुदायिक जागरुकता से परिवार नियोजन साधनों के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी दर्ज हो सकती है। सीमित परिवार हर मायने में खुशहाली का प्रतीक होता है। छोटे परिवार में ही बच्चों की बेहतर परवरिश संभव होती है एवं उन्हें जरूरी संसाधन उपलब्ध हो पाती है। इसलिए आम लोगों को नियोजित परिवार के विषय में संकल्पित होने की जरूरत है। उन्होंने बताया पखवाड़े के दौरान सारथी जागरुकता रथ के जरिए स्वस्थ मां एवं तंदरुस्त बच्चा हेतु सही उम्र में शादी, पहला बच्चा शादी के कम से कम दो साल बाद, दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर एवं बच्चे दो ही अच्छे विषय पर परामर्श देते हुए गर्भनिरोधक उपाय अपनाने को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही परिवार नियोजन उपायों को अपनाने में पुरुषों की भी सामान सहभागिता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया जाएगा।

सारथी रथ से लोगों को किया जाएगा जागरूक : आमजनों में परिवार नियोजन के जागरूकता को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अनूठी पहल की गयी है। परिवार नियोजन की महत्ता की जानकारी व सलाह देने के लिए सारथी रथ चलाया जा रहा है। बैटरी स्वचालित 21 ई रिक्शा (सारथी रथ) ऑटो को विभिन्न प्रखंडों में प्रचार- प्रसार के लिए घुमाया जा रहा है। इसके माध्यम से लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न उपायों एवं जागृति के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र से जानकारी दी जा रही है। यह सारथी रथ विभिन्न प्रखंडों में सुबह 10:00 बजे से शाम तक हर गली मोहल्लों एवं चौक चौराहों से गुजरते हुए लोगों को परिवार नियोजन को लेकर जागृत कर रही है।

सारथी रथ से परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों की दी जाएगी जानकारी: जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया सारथी रथ से परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों की दी जाएगी।

•महिला नसबंदी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 15 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा किया जाता है। या विधि प्रसव/ गर्भपात के 7 दिन के अंदर या 6 सप्ताह बाद अपनाया जा सकता है।
•पुरुष नसबंदी भी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 10 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा बिना चीड-फाड़ के किया जाता है जिसमें 1 घंटा बाद लाभार्थी की छुट्टी भी हो जाती है। यह विधि कभी भी अपनायी जा सकती है एवं इससे किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है।
•कॉपर-टी एक अस्थायी विधि जिससे बच्चों के जन्म में अंतर रखा जा सकता है।कॉपर- टी विधि 10 वर्षों एवं 5 वर्षों के लिए अपनायी जा सकती है।कॉपर-टी निकलवाने के बाद प्रजनन क्षमता तुरंत वापस आ जाती है।
•गर्भनिरोधक गोली माला-एन एक सुरक्षित हार्मोनल गोली है जिसे महिला को एक गोली प्रतिदिन लेनी होती है। माहवारी शुरू होने के 5 वें दिन से गोली की शुरुआत करनी चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के 6 माह तक इस गोली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
• अंतरा एवं छाया दोनों परिवार नियोजन की नवीन अस्थायी विधियाँ हैं। अंतरा एक सुई है जो तीन माह तक प्रभावी रहती है। लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में सुई लगवानी होती है। जबकि छाया एक गोली है जिसे सप्ताह में एक बार तीन महीने तक, फिर सप्ताह में केवल एक बार जब तक बच्चा न चाहें।

साधन अपनाने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि: जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को 3000 रुपये और उत्प्रेरक को 400 रुपये दिए जाते हैं. इसी तरह प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3000 रुपये और उत्प्रेरक को 400 रुपये देने का प्रावधान है. पीपीआईयूसीडी बंध्याकरण पर लाभार्थी को 2000 रुपये, एएनएम को 150 रुपये और आशा कार्यकर्ता को 150 रुपये दिए जाते हैं. इसी तरह सभी अन्य साधनों को अपनाने पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशी देने का प्रावधान है।

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