लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने प्रदेश सरकार के बजट को आकड़ों की बाजीगरी बताया। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को 450 रूपये प्रति कुन्तल देने के वादे के साथ सत्ता में आयी भाजपा सरकार को गन्ने के मूल्य में 10 रूपये की वृद्वि करने में 3 वर्ष का कार्यकाल लग गया।
किसानों की आय दुगनी करने की घोषणा
उन्होंने कहा कि कृषि पर लागत कम करने, खाद, पानी, बिजली, बीज, कृषि यंत्र, कीटनाशक आदि के दामों में कमी करने का प्रावधान इस बजट में नहीं किया गया है और न ही अन्य राज्यों की तरह गेहूं, धान व तिलहन की फसलों के मूल्य पर प्रति कुन्तल बोनस देने का कोई प्रावधान किया गया है। किसानों की आय दुगनी करने की घोषणा किसानों के साथ धोखा है।
एसिड अटैक पीडित महिलाओ के लिए
श्री दुबे ने कहा कि बजट में शिक्षा के लिए जो बजट आवंटित किया गया है वह शिक्षा के बाजारीकरण का संकेत दे रहा है। बजट में एसिड अटैक पीडित महिलाओ के लिए किसी भी प्रकार की कोई पेंशन या सहायता की व्यवस्था नहीं की गयी है और न ही बजट में रोजगार सृजन कोई ठोस उपाय बेरोजगारों के लिए किया गया है जबकि इन्वेस्टर समिटि में करोडों रूपया बहाकर सरकार ने प्रदेश में भारी पूंजी निवेश के बड़े बड़े दावे किये थे।
नोटबंदी व जीएसटी के बाद
रालोद प्रवक्ता ने कहा कि नोटबंदी व जीएसटी के बाद उ.प्र. में लघु व मध्यम उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुये हैं तमाम मझौले उद्योग बंद हो गये हैं सरकार ने प्रस्तुत बजट में लघु मध्यम व कुटीर उद्योग के प्रोत्साहन के लिए कोई ठोस पहल नहीं की है कुल मिलाकर प्रदेश सरकार का यह बजट किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों, व्यापारियों और मजदूरों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण व निराषाजनक है।