लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के आरोपी की उज्जैन में जिस तरह गिरफ्तारी दिखाई गई है, वह निश्चित ही एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है। चार राज्यों की सीमांए पार कर, लाॅकडाउन के दौर की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर, कुख्यात अपराधी छह दिनों तक पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा इसके पीछे माफिया, पुलिस और सत्ता का गठजोड़ भी रहा होगा। इसलिए उसके मोबाइल की काॅलडिटेल रिपोर्ट (सी.डी.आर.) सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि सभी की मिली भगत का भंडाफोड़ हो सके।
कानपुर की घटना ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का चोला भी उतार दिया है और मुखौटा भी। कानपुर नगर की इस घटना ने पुलिस बल के खुफिया तंत्र की भी पोल खोल दी है। एक बड़ी नृशंस घटना के पहले और बाद में आरोपी को जिस तरह सहयोग मिला वह जाहिर करता है कि व्यवस्था में कितनी सडांध पैदा हो गई है। थाना पुलिस अपराधी चलाने लगेंगे और पुलिस कर्मी अपराधी के घर सलामी बजाएंगे तो कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज तो रह नहीं जाएगी।
बिकरू काण्ड के कातिल और इसके सहयोगियों तथा जिनका एनकाउण्टर हो चुका है उन सभी के 5 वर्ष से अब तक की सी.डी.आर. सरकार जारी कर देगी तो सच्चाई सामने आ जाएगी कि किसके किस नेता, अफसर से सम्पर्क थे? आखिर किसके दबाव में पुलिस बिना तैयारी दबिश डालने रात में पहुंच गई थी। हत्याकाण्ड के बाद हत्यारा दो दिन तक आसपास रहा लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी। इसके अलावा भी कई बातें छुपाई जा रही है। इनका खुलासा सार्वजनिक होना चाहिए।
जहां तक समाजवादी पार्टी का सम्बंध है, उसका इस घटनाचक्र से कोई लेना देना नहीं है। समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के अभियान में भाजपा लगी रहती है। क्योंकि उसको मालूम है कि उत्तर प्रदेश में उसकी सत्ता को असल चुनौती समाजवादी पार्टी से ही मिलती है। भाजपा की राजनीति स्वस्थ नहीं है। वह झूठ फैलाने की मशीन है। विपक्ष के प्रति साजिश करना और बदनाम करने में उसे दक्षता हासिल है। सत्ता का दुरूपयोग भाजपा सरकार को लोकतंत्र को कमजोर करने में नहीं लगाना चाहिए। सत्ता शक्ति की सकारात्मक भूमिका शांति व्यवस्था स्थापित करने और प्रदेश का विकास कराने में होनी चाहिए।