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विशाखापट्टनम: दवा कंपनी में लीक हुई गैस, 2 की मौत, फैक्ट्री को तुरंत बंद करने का आदेश

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक बार फिर गैस लीक होने की घटना सांमने आई है. सोमवार देर रात एक दवा कंपनी में गैस लीक होने के बाद दो लोगों की मौत हो गई है जबकि चार लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. पुलिस ने बताया, “जिन लोगों की मौत हुई है वे लीकेज वाले स्थान पर मौजूद थे. स्थिति नियंत्रण में है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उदय कुमार ने कहा, “अब स्थिति नियंत्रण में है. जिन दो लोगों की मौत हुई है वे इसी कंपनी में काम करते थे और रिसाव वाले स्थान पर मौजूद थे. कहीं और गैस नहीं फैली है.

बताया जा रहा है कि गैस लीक मंगलवार की तड़के परवदा के जवाहरलाल नेहरू फार्मा सिटी स्थित सैनर लाइफ साइंस फार्मा कंपनी से हुई. लीक हुई गैस बेंजीमिडाजोल बताई जा रही है, जो जहरीली होती है.बताते चलें कि जिस समय गैस लीक हादसा हुआ, उस समय फार्मा कंपनी में तीस लोग काम कर रहे थे. अचानक छह वर्करों को चक्कर आया और वे बेहोश होकर गिर पड़े.

सभी बेहोश कर्मचारियों को अस्पताल ले जाया गया जहां दो की मौत हो गई. चार का इलाज अस्पताल में चल रहा है. मारे गए कर्मचारियों की पहचान नरेंद्र और गौरी शंकर के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती चार वर्करों की हालत भी गंभीर है. गैस लीक कैसे हुई इसकी जांच कर रही है. फिलहाल प्रथम दृष्टया तकनीकी कारण से गैस लीक होना बताया जा रहा है.इस हादसे के बाद प्रशासन ने आसपास के गांवों का खाली करा दिया है. इस बीच आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से बयान आया है.

CMO ने कहा- मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. ऐहतिहात के तौर पर फैक्ट्री को तत्काल शटडाउन करने का आदेश दिया गया है. घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारीवहीं लोगों ने बताया कि गैस लीक होते ही मौके पर हड़कंप मच गया. सभी कर्मचारी बाहर की ओर भागे. सभी के बीच विजाग गैस लीक की घटना को लेकर चर्चा होने लगी. जिला कलेक्टर वी विनय चंद, पुलिस कमिश्नर आरके मीना और कुछ और अधिकारी फार्मा कंपनी में पहुंचे. सभी गैस लीक के कारणों का पता लगाने में जुटे हैं.बता दें कि करीब 2 महीने पहले भी विशाखापट्टनम में एक केमिकल प्लांट में गैस की लीक होने की घटना सामने आई थी.

गैस का रिसाव होने की वजह से दो बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए थे. केमिकल प्लांट से जहरीली स्टाइरीन गैस लीक हुई थी. कोरोनावायरस लॉकडाउन की वजह से यह प्लांट 40 दिन से ज्यादा समय से बंद पड़ा था. गैस का रिसाव होने के बाद आसपास के गावों को खाली कर दिया गया था. यही नहीं पीड़ितों का पता लगाने के लिए अधिकारी एक-एक घर गए थे.

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