खीरों/रायबरेली। कोरोना संक्रमण काल के दौरान दिलो जान से आम जनमानस को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने वालों को कोरोना वारियर्स की संज्ञा दी गई। खीरों सीएचसी में इसके उलट कोरोना संक्रमण काल के दौरान अधीक्षक समेत महिला व पुरुष चिकित्सकों के भ्रष्टाचार, मनमानी, काम चोरी, अनियमितता, व रिश्वतखोरी से लेकर वार्ड बॉय की नशाखोरी के वायरल वीडियो तक के ऐसे मामले उठे कि लगातार देखने व सुनने वालों को शर्म आने लगी।
पर स्वास्थ्य महकमे को शर्मसार करने वाले ऐसे कुछ लोगों को तनिक भी फर्क नहीं पड़ा। मनमानी और अनियमितता के उठते रोज नए मामलों के बीच फिर एक मामला सामने आया है। इस बार बाइक दुर्घटना में घायल दो व्यक्तियों को सीएचसी की इमरजेंसी से बिना इलाज के भगा दिया गया। थाना क्षेत्र के अंतर्गत खुष्ठी पुलिया के पास दो बाइकों की भिड़ंत हो गई। जिसमें दो लोग जख्मी हुए। आस-पास मौजूद लोग इलाज के लिए घायलों को सीएचसी लेकर गए। घायलों के अनुसार इमरजेंसी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं थे। वार्ड बॉय ने कोरोना का हवाला देते हुए मलहम-पट्टी करने से मना कर दिया। अंत में दोनों घायलों को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल ले जाया गया।
थाना क्षेत्र के दुबेन खेड़ा मजरे हरदी निवासी गोविंद 19वर्ष पुत्र पुत्तीलाल लोधी व कमल 22वर्ष पुत्र विधाता पासी बाइक पर सवार होकर किसी काम से खीरों जा रहे थे। अचानक मिर्जापुर मोड़ के पास किसी अज्ञात बाइक सवार से उनकी टक्कर हो गई। जिसमें बाइक चला रहा गोविंद बुरी तरह से जख्मी हो गया। दूसरा बाइक सवार कमल मामूली रूप से चोटिल हुआ। आस-पास मौजूद लोग दोनों घायलों को तुरंत इलाज के लिए सीएचसी लेकर पहुंचे।
दुर्घटना में घायल गोविंद के अनुसार सीएचसी की इमरजेंसी खाली पड़ी थी। वहां कोई डॉक्टर नहीं थे। सिर्फ वार्ड बॉय हरीश चंद्र मौजूद था। उसने कोरोना का हवाला देते हुए मलहम-पट्टी व प्राथमिक इलाज करने से मना कर दिया। अंत में दोनों घायलों को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ा। खीरों से भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष रहे गौरव द्विवेदी ने कहा कि सीएचसी में आए दिन मरीजों के साथ दुर्व्यवहार होता है। सीएचसी में महिला डॉक्टर रुकती नहीं है। पुरुष डॉक्टर भी ओपीडी और इमरजेंसी में नहीं मिलते। सीएचसी जाने वाले लोगों को इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है। आए दिन प्रसूताओं की मौतें हो रही हैं। तो कभी सड़क किनारे प्रसव हो रहे हैं। सीएचसी में व्याप्त भ्रष्टाचार और मनमानी की शिकायत शासन स्तर पर की जाएगी।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्र