सादगी और व्यवहार में सौम्यता के चलते, जनता ने पवन कुमार सिंह को सिर्फ़ वोट देकर चुनाव ही नहीं जिताया, बल्कि उनको बहनों ने अपना भाई, माता-पिता ने अपना बेटा, हमउम्र ने अपना दोस्त और युवाओं ने अपना मार्गदर्शक मान लिया है।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, April 13, 2022
लखनऊ। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की फिल्म अग्निपथ का एक बेहतरीन डायलॉग है- “हवा बहुत तेज़ चलता है, दिनकर राव….अपना टोपी सम्भालो….वरना उड़ जाएगा….!!” सीतापुर जनपद में, स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से, विधान परिषद के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पवन कुमार सिंह की लहर के सामने, विपक्षी प्रत्याशियों की ताकत, हिम्मत, रणनीति और हौसले, ठीक बिल्कुल, फिल्म ‘अग्निपथ’ के ‘दिनकर राव’ की टोपी की तरह ही सब हवा हो गये।
समाज में जो लोग नवनिर्वाचित एमएलसी पवन कुमार सिंह को जानते हैं, वो सभी उपरोक्त लिखे फिल्म के डायलॉग से ही समझ गए होंगे कि उनसे जुड़ी किस बात को यहाँ ज़िक्र में लिया जा रहा है। बेशक यह चुनाव सत्ता पक्ष का हो सकता है लेकिन, जिन लोगों ने पवन कुमार सिंह को चुनाव लड़ते देखा है, वह यह बात कहने से कभी नहीं चूकेंगे कि सीतापुर के चुनाव में पवन की इकतरफा ही लहर चली है।
देश की राजनीति में अच्छे राजनीतिज्ञ तो बहुत मिलेंगे लेकिन, ये ज़रूरी नहीं कि वो एक अच्छे नेता भी हों। आज देश और समाज को एक ‘नेता’ की बहुत सख़्त ज़रूरत है। ऐसा कम ही होता है कि देश तो दूर, एक छोटे से गांव में एक अच्छा प्रधान मिल जाए तो समाज के उद्धार की नींव पड़ जाए। अगर, पवन कुमार सिंह की बात करें तो, समाजसेवा को अपना परम् कर्तव्य मानने वाले श्री सिंह में एक नेता बनने के सभी गुण मौजूद हैं।
तभी तो जब सीतापुर में उनकी लहर चली, तब इस लहर में विरोधियों की बिसात क्या कहें, पवन कुमार सिंह ने जिस भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ा है, उस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक यहाँ तक कि सांसद भी श्री सिंह की गम्भीरता और सरलता के मुरीद हो चुके हैं। कहना ग़लत नहीं होगा कि पवन कुमार सिंह के सीतापुर पहुंचते ही यह तीर्थ नगरी सुर्खियों में आ गयी है।
सादगी और व्यवहार में सौम्यता के चलते, जनता ने पवन कुमार सिंह को सिर्फ़ वोट देकर चुनाव ही नहीं जिताया, बल्कि उनको सीतापुर की बहनों ने अपना भाई, माता-पिता ने अपना बेटा, हमउम्र ने अपना दोस्त और युवाओं ने अपना मार्गदर्शक मान लिया है। क्षेत्र चाहे कृषि का हो, शिक्षा का हो या कि व्यवसायिक हो हर क्षेत्र में, पवन कुमार सिंह क़ामयाबी हासिल कर चुके हैं।
जिले की जनता ने जहाँ एक तरफ़ एमएलसी पवन कुमार सिंह को अपनों में शामिल किया है, वहीं, दूसरी तरफ़, उनके परिजनों की सरलता और सुहृदयता के कायल भी हो चुके हैं। पूरे चुनावी अभियान के दौरान, पवन कुमार सिंह की पत्नी निर्मला सिंह, बेटा पियूष सिंह, बहू सुष्मिता सिंह, बेटी डॉ.पल्लवी सिंह, दामाद डॉ. वैभव सिंह और भतीजा अमित सिंह “बाबा” भी मौजूद रहे।
सीतापुर जिले में बात-चीत के ज्यादातर विषय पवन कुमार सिंह के इर्द-गिर्द ही घूमते हुए मिले। तीर्थनगरी में हर तरफ ‘पवन-पवन’ की ही चर्चा हो रही है। एक पत्रकार वार्ता के दौरान, श्री सिंह की धर्म-पत्नि निर्मला सिंह ने कहा- ”ये आत्मगौरव का क्षण है। सीतापुर के लोगों ने हमारे परिवार को अपने दिलों में जगह देकर हमें ऋणी बना लिया है। हमारा परिवार पूरे तन, मन और धन से सीतापुर के लोगों की सेवा करता रहेगा। उन्होंने सीतापुर की जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा, आप ने जो विश्वास हम लोगों पर जताया है उसका ब्याज समेत ऋण चुकाया जाएगा।“
श्री सिंह के पुत्र और पेशे से इंजीनियर पियूष सिंह ने भी पत्रकारों से बातचीत के दौरान, अपने पिता के लिए कहा कि, “सीतापुर के सभी जनप्रतिनिधियों और नागरिकों का दिल से आभार। पिता की ऐतिहासिक जी से उत्साहित इंजीनियर बेटे ने कहा,चुनाव में आप सभी ने मेरे पापा को उम्मीद से बढ़कर सफलता दिलाई। हम आपको यकीन दिलाते हैं कि यहां शिक्षा और रोजगार की ऐसी बयार चलेगी जो प्रदेश और देश के लिए एक रोल मॉडल बनकर उभरेगा।”
सीतापुर की जनता से मिले इस प्यार और विधान परिषद के चुनाव में मिली जीत ने, पवन कुमार सिंह के कंधों पर जिले को तरक्की, विकास और बदलाव की दिशा में ले जाने की एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी भी सौंप दी है, जिससे श्री सिंह ख़ुद भी चाहें तो पीछे नहीं हट सकते।