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कौन हैं अजित पवार, जिन्‍होंने फिर खेला मास्‍टरस्‍ट्रोक और पलट दी महाराष्ट्र की सियासी बाजी

महाराष्ट्र की बारामती सीट पिछले 52 साल में यहां से विधायक की कुर्सी पर सिर्फ दो ही लोग बैठे हैं और वो दोनों ही पवार परिवार से हैं शरद पवार और अजित पवार। अब तक दोनों इस सीट से छह-छह बार विधायक बन चुके हैं। दोनों ने मिलाकर आठ बार कांग्रेस और चार बार एनसीपी के झंडे पर जीत हासिल की।

लेकिन अब महाराष्ट्र की सियासत में अचानक एक और नाम सुर्खियों में आ गया है। वो नाम है अजित पवार। जिनकी ताजा पहचान महाराष्ट्र की नई सरकार में उप मुख्यमंत्री की है। लेकिन इनकी एक और पहचान है महाराष्ट्र के सबसे दिग्गज नेता शरद पवार का भतीजा होने की। महाराष्ट्र की बारामती सीट से पिछले 52 साल में यहां से विधायक की कुर्सी पर सिर्फ दो ही लोग बैठे हैं और वो दोनों ही पवार परिवार से हैं। अजित पवार इनमें से एक हैं।

अजित पवार का जन्म 22 जुलाई, 1959 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हुआ। अजित पवार एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं। उनके पिता वी शांताराम के राजकमल स्टूडियो में काम करते थे। अजीत पवार अपने चाचा के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में आए। राजनीति में वह एक राजनेता से आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बने। वह अपने चाहने वालों और जनता के बीच दादा (बड़े भाई) के रूप में लोकप्रिय हैं।

2019 के विधानसभा चुनाव में अजित पवार ने अपनी परिवार की पारंपरिक सीट बारामती सीट से 1,65,265 मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। वो पहले भी महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अजित पवार पर सिंचाई घोटाले के आरोप लगे थे। उसके बाद ही नाराज होकर उन्हें डिप्टी सीएम का पद छोड़ा था. इस बार वो सातवीं बार विधायक बने हैं।

7 अप्रैल 2013 को आया अजित पवार का एक बयान बेहद चर्चा में रहा। पुणे के पास इंदापुर में एक फंक्शन में उन्होंने कहा था, “अगर बांध में पानी नहीं है तो क्या पेशाब करके भरें?” उनके इस बयान की काफी लानत-मलामत हुई। बाद में खुद अजित पवार ने इसके लिए माफ़ी मांगी थी। कहा था कि ये उनके जीवन की सबसे बड़ी ग़लती थी।

2014 लोकसभा चुनाव के दौरान उन पर वोटर्स को धमकाने के आरोप भी लगे थे। कहा गया कि उन्होंने गांववालों को धमकी भी दी थी. बोला था कि अगर सुप्रिया सुले को वोट नहीं दिया तो वो गांववालों का पानी बंद कर देंगे।

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