राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया. लिखे पोस्टर लगाए जाने पर गिरफ्तारियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन की देश में कमी होने के बावजूद विदेशों को भेजने पर पीएम मोदी से सवाल करते हुए पोस्टर लगाना कोई अपराध नहीं है. प्रदीप कुमार यादव नाम के वकील की ओर से दायर इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वो दिल्ली में इस मामले से जुड़ी सभी एफआईआर रद्द करने का आदेश दे और पुलिस को कार्रवाई करने से रोके.
प्रदीप कुमार यादव ने याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट खुद ये कह चुका है कि अभिव्यक्ति की आजादी को किसी नागरिक से छीना नहीं जा सकता है. ऐसे में अगर कोई सरकार की कोरोना टीकाकरण नीति पर सवाल उठाता है तो उसके एक अपराधी की तरह से सुलूक नहीं किया जा सकता है. पोस्टर लगा देने पर दिल्ली पुलिस ने एक ही दिन में 24 एफआईआर की और 25 गिरफ्तारियां की हैं. इन पर सुप्रीम कोर्ट इस पर दिल्ली पुलिस को तलब करे और दर्ज एफआईआर रद्द की जाए.
शनिवार रात को दिल्ली कई जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वैक्सीन के विदेश भेजे जाने को लेकर सवाल करते पोस्टर लगाए गए थे. इन पोस्टरों में लिखा था- मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया. इन पोस्टरों को लेकर रविवार को दिल्ली पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की. मामले में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया और 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तारियों को लेकर कांग्रेस भड़की
पोस्टर लगाने को लेकर गिरफ्तारियों पर रविवार को कांग्रेस की ओर से प्रेस वार्ता कर इसका तीखा विरोध किया गया. राहुल गांधी समेत कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने सोशल मीडिया पर ये पोस्टर शेयर किया और चुनौती दी कि उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाए. वहीं हजारों आम लोगों ने भी इस पोस्टर को सोशल मीडिया पर शेयर कर गिरफ्तारियों की निंदा की.