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आखिर रात में क्यों रोते हैं कुत्ते, जानिए इसके पीछे की हैरान कर देने वाली सच्चाई

अक्सर हर धर्म की तरह हिंदू धर्म में भी कई सारी बातें बताई गई हैं। इनमें से कुछ चीजों को शुभ कहा गया है वही कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिन्हें अशुभ माना गया है। आज भी अंधविश्वास जैसी बातों को मानने वाले कई लोग मिल जायेंगे हैं। अंधविश्वास एक ऐसी धारणा है जो लोगों के मन में पुराने समय से है। काफी ऐसी बातें हैं जो लोगों ने अपने मुताबिक बना रखी है। जैसे कि दूध गिर जाए तो अशुभ होता है। कांच का गिलास टूट जाए तो शुभ माना जाता है। बिल्ली ने रास्ता काट लिया तो कुछ गलत होगा। ऐसी बहुत सारी बातें हैं जो आजतक लोग मानते हैं और उनका पालन भी करते हैं।

ऐसी कई अधंविश्वास की बातें हैं और कई सारी बेतुकी धारणाएं बना रखी है कि कुत्तों के रात को रोने से किसी की भी मौत हो जोती है। ऐसी और भी कई बातें हैं जो की लोगों ने बना रखी हैं। यह भी कहा जाता है कि जहां पर भी कुत्ता रो रहा होता है तो वहां से जो भी कोई व्यक्ति होता है उसे वहां से चले जाना चाहिए। ऐसा करने से जो भी बला उस पर या उसके परिवार पर आने वाली होती है वह लौट जाती है।

जानकरी के अनुसार आपको बता दें कि ऐसी कोई वास्तव में अशुभ वाली बातें नहीं होती है। यह सारी धारणाएं लोगों ने बना रखी हैं। आपको बता दें की रात को कुत्तों के रोने के पीछे भी एक वैज्ञानिका कारण होता है। कुत्ते जब भी अकेले होते हैं या फिर वह अकेला महसूस करते हैं तो वह अक्सर रोना शुरू कर देते हैं। वह ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वह रोते समय अपने आस-पास के दोस्तों को अपने स्थान पर बुला रहे होते हैं।

ऐसे करने से कुत्तों के दोस्तों को पता चल जाता है कि उनका साथी कहां पर है। जब भी कुत्तों को अपने साथियों को कोई भी संदेश पहुंचना होता है तो वह इस तकनीक को इस्तेमाल करते हैं और इस तकनीक को काफी ही उन्नत तकनीक माना जाता है। अगर इसे हम टेलीपथी कहें तो गलत नहीं है।

दरअसल टेलीपथी में एक ऐसी प्रणाली आती है जो संदेश मानसिक तरंगों के माध्यम से निकलता है। यह काफी ही अच्छा संचार माना जाता है। यह भी माना जाता है कि विज्ञान इस तरह से एक सही दिशा में संदेश का आदान-प्रदान करता है।

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