जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 2019 में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के तीन जवानों की विधवाओं ने राजस्थान सरकार पर उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र से अपनी जीवन लीला समाप्त करने की अनुमति मांगी है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी मीणा ने शनिवार को यह दावा किया।
मीणा पिछले कुछ दिनों से शहीदों के परिजनों के साथ यहां धरने पर बैठे हैं। सांसद मीणा शहीदों की विधवाओं के साथ राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपने राजभवन गये थे। राजभवन से बाहर आने के बाद वे मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। सांसद ने ट्वीट किया है, ” शनिवार को तीनों वीरांगनाओं के साथ राज्यपाल कलराज मिश्र जी को ज्ञापन देने राजभवन गया था।
ज्ञापन सौंपने के बाद वीरांगनाएं मुख्यमंत्री जी से मिलने के लिए मुख्यमंत्री आवास की ओर पहुँची तो पुलिस ने उनके साथ अभद्रता व मारपीट की गई।” उन्होंने कहा, ”इसमें पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए रोहिताश्व लांबा की पत्नी वीरांगना मंजू जाट घायल हो गईं। उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”
मीणा और शहीदों की विधवाओं मंजू जाट, मधुबाला, सुंदरी देवी और रेणु सिंह के साथ राजभवन गये और ‘इच्छा मृत्यु’ की अनुमति मांगने वाला उनका ज्ञापन सौंपा। उल्लेखनीय है कि सांसद मीणा ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवानों रोहिताश लांबा, हेमराज मीणा और जीतराम गुर्जर के परिजनों के साथ के शहीद स्मारक पर मंगलवार से धरने पर बैठे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि शहीदों के परिवारों की जायज मांगों को पूरा करने के बजाय राज्य सरकार तानाशाही कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ”पुलिस ने उनके साथ उस समय भी दुर्व्यवहार किया जब वे हाल ही में विधानसभा के द्वार पर विरोध कर रहे थे।”