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क्या खालिस्तानियों को बचाकर पाकिस्तान के रास्ते पर चला कनाडा? भारत से महंगा पड़ेगा पंगा

जिस तरह से कनाडा की तरफ से खालिस्तानी चरमपंथ को लेकर भारत पर बयानबाजी की गई, वो ना तो भारत को रास आई और ना ही पाकिस्तान के लोगों को. पाकिस्तान की आवाम ने तो यहां तक कह दिया कि अगर कनाडा ने अपनी सोच नहीं बदली तो वो दिन दूर नहीं जब कनाडा भी जिन्नालैंड की राह पर बढ़ जाएगा.

आतंक के रास्ते पर चलते हुए पाकिस्तान का मुस्तकबिल अंधकार में जा पहुंचा है. क्या कनाडा भी खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देकर पाकिस्तान के रास्ते पर चल रहा है?

पाकिस्तान के लोगों को भी लग रहा है, अगर कनाडा ने जल्दी अपनी गलती को नहीं सुधारा तो हालात काफी बदल सकते हैं क्योंकि जिन्नालैंड भी इसी तरह की सोच का शिकार होकर आज जहन्नुम बन चुका है और इसकी तस्दीक उस मुल्क के लोग कर रहे हैं, जो ऐसे जख्म से कराह रहे हैं. कनाडा की संसद में भारत पर तोहमत लगाने वाले प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत की तरफ से माकूल जवाब दे दिया गया है. दोनों देशों के संबंधों में तनाव अभी भी जारी है, लेकिन पाकिस्तान में इस बात को लेकर शोर है कि भारत से संबंध बिगाड़कर नुकसान कनाडा का ही होगा.

ट्रूडो खालिस्तानी चरमपंथियों के हाथ की कठपुतली

कहा तो ये भी जा रहा है कि ट्रूडो खालिस्तानी चरमपंथियों के हाथ की कठपुतली बन चुके हैं. उन्हें बचाने के लिए वो एक बड़े खेल में फंस गए हैं, जिससे कनाडा और भारत के संबंध बिगड़ रहे हैं. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो 18 फीसदी सीटों के चक्कर में खालिस्तानी दहशतगर्दों के बचाव में उतर आए हैं. यहां तक भारत के बार-बार आगाह करने को भी वो नजरअंदाज करते रहे. ये ठीक वैसे ही है, जैसे भारत पाकिस्तान को लगातार आतंक पर लगाम कसने की हिदायत देता रहा है.

दहशतगर्दों को पालने की सोच बेहद बुरी होती है और उन्हें बचाने की सियासत सबसे खतरनाक. पाकिस्तानी हुक्मरानों ने कट्टरपंथियों की हर बात को माना. आतंक के आकाओं को खुली छूट दी. आज हालात ऐसे हो चले हैं कि ये दहशतगर्द पाकिस्तान के लिए नासूर हो गए हैं. अब सवाल उठ रहा है कि जिन खालिस्तानी दहशगर्दों के लिए कनाडा की सरकार हमदर्दी का मुखौटा लगाए हुए है कहीं वो कनाडा के लिए सिरदर्द ना साबित हो जाएं.

पाक हुक्मरान भारत-कनाडा विवाद में भी कूद पड़े

पाकिस्तान की आवाम अपने हुक्मरानों की हकीकत को जान चुकी है. उन्हें पता है कैसे पाकिस्तान बर्बाद हुआ है, लेकिन पाकिस्तानी हुक्मरान हरकतों से बाज नहीं आते. भारत-कनाडा विवाद में भी कूद पड़े. इस बार वो काफी आगे बढ़ गए. पाकिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री अनवर उल हक का कहना है कि दुर्भाग्य से मिस्टर सिंह (हरदीप सिंह निज्जर) का कनाडा की धरती पर मारा जाना ये हिंदुस्तान की सोच को दर्शाता है. हम पाकिस्तानी हमेशा से भारत की इस तरह की सोच के खिलाफ रहे हैं.

पाकिस्तान तबाह हो रहा है, लेकिन पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम कनाडा-भारत विवाद में जबरन कूद रहे हैं. पाकिस्तान कर्ज से बर्बाद हो रहा है, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कनाडा का साथ देकर भारत के खिलाफ साजिशें रच रहे हैं. पाकिस्तान में लोग रोटी के लिए तरस रहे हैं, जबकि पाकिस्तानी हुक्मरान अंतरराष्ट्रीय मंच पर खालिस्तानी आतंकियों का हमदर्द बनने का ड्रामा कर रहे हैं.

अब समझिए पाकिस्तान का प्यार खालिस्तानी आतंकियों के लिए क्यों उमड़ रहा है. दरअसल पाकिस्तान खुद खालिस्तानी आतंकियों को पालता-पोसता रहा है. कनाडा में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI, खालिस्तान के आतंकियों के संपर्क में रहती है. भारत के खिलाफ नफरती एजेंडा चलाने में साथ देती है. पाकिस्तान की आवाम ये बात जानती है, तभी तो अपने हुक्मरानों को सुधरने की नसीहत दे रही है.

कनाडा में ISI और खालिस्तानियों के बीच एक मीटिंग हुई

खालिस्तानी आतंकियों और आईएसआई का कनेक्शन एक बार फिर सामने आया है. कुछ दिन पहले कनाडा में ISI और खालिस्तानियों के बीच एक मीटिंग हुई थी. इसी मीटिंग में भारत विरोधी प्रॉपेगैंडा प्लान तैयार किया गया. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बड़ा मुद्दा आतंकवाद है. पाकिस्तान इन आतंकियों को फंडिंग करता है और विदेश में कनाडा सहित कुछ जगहों में इन आतंकियों को शरण दी जाती है जहां से ये आतंकी गतिविधियां चलाते हैं.

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