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क्या शेख हसीना की सत्ता में बांग्लादेश में हो पाएगा निर्वाचन आयोग का गठन ? देखिए यहाँ

बांग्लादेश में निर्वाचन आयोग के गठन पर चल रहा विवाद अब विपक्षी गोलबंदी का मुद्दा बनता दिख रहा है। बांग्लादेश में पहले भी इस मसले पर टकराव होता रहा है कि आम चुनाव की देखरेख किस संस्था के तहत हो।

2008 में जब शेख हसीना वाजेद के नेतृत्व वाली आवामी लीग सत्ता में आई थी, तब चुनाव कराने के लिए तटस्थ सरकार का गठन किया गया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद शेख हसीना सरकार ने तटस्थ सरकार की परंपरा खत्म कर दी।

प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने इस मसले पर कई दलों के साथ एक बैठक बुलाने का फैसला किया है। निर्वाचन आयोग के गठन पर चर्चा के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने अलग-अलग दलों के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की थी। बीएनपी और कई दलों ने इस वार्ता का बहिष्कार कर दिया है।केएम नुरुल हुडा के नेतृत्व वाले वर्तमान निर्वाचन आयोग का कार्यकाल अगले 14 फरवरी को पूरा हो जाएगा। बांग्लादेश के संविधान के मुताबिक निर्वतमान आयोग का कार्यकाल खत्म होने से पहले नए आयोग का गठन हो जाना चाहिए।

इस बीच बीएनपी ने अपनी नेता पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया को विदेश जाने की इजाजत दिलाने के लिए आंदोलन तेज करने का फैसला किया है। इसके तहत अगले 12 जनवरी को देश भर में रैलियां की जाएंगी। दिसंबर में भी पार्टी ने 32 जिलों में इसी मांग पर जोर डालने के लिए रैलियां आयोजित की थीँ। बेगम जिया की सेहत खराब है।

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