लखनऊ। योगी सरकार में बुंदेलखंड दूध उत्पादन के क्षेत्र में रोज नए रिकार्ड बना रहा है। महिला किसानों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उनको अच्छी आमदनी भी होने लगी है। पिछली सरकारों ने बुंदेलखंड पर कभी नजर नहीं डाली जिसके कारण यह क्षेत्र पिछड़ा रहा। योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही नई-नई योजनाओं ने बुंदेलखंड की महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने के साथ क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास को नई राह देने का काम किया। कोविड काल में भी महिलाओं ने दूध का संग्रहण और व्यापार किया।
सरकार के ‘सबका साथ सबका विकास’ नारे को बुंदेलखंड की महिला किसानों से चरितार्थ करके दिखा दिया। उनकी मेहनत रंग लाने लगी है। प्रत्येक दिन दूध के उत्पादन और नवीन तकनीक के जुड़ जाने से कमाई भी पहले से कई गुना अधिक हो गई है। यह सब संभव हो पाया है बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसम्बर 2019 में इसका उद्घाटन किया था। कंपनी बुंदेलखंड के 05 जनपदों (झांसी, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट) के 634 गांव की 24180 महिला किसानों को जोड़कर प्रतिदिन करीब प्रतिदिन 60,000 लीटर दूध का संग्रहण और व्यापार कर रही है। कंपनी राष्ट्रीय आजीविका मिशन और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से वित्त पोषित है। महिला किसानों के खाते में सरकार की ओर से योजना के शुरु होन के बाद से आज तक 84 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। जो सीधे महिला किसानों के खातों में गया है।
बुंदेलखंड में वर्ष भर दुग्ध बाजार की उपलब्धता और लघु एवं सीमांत दुग्ध उत्पादक महिला किसानों के हितों की सुरक्षा के लिये इस योजना को शुरू किया गया था। इसके माध्यम से दुग्ध संग्रहण की पारदर्शी व्वयस्था बनाई जा सकी। नियमित एवं समय पर दूध के मूल्य का सीधे व्यक्तिगत बैंक खाते में भुगतान किया जा रहा है। बलिनी प्रत्येक गांव में कम्प्यूटराइज्ड प्रणाली से दूध की खरीद का प्रबंध कर रही है। ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने में भी इसकी बड़ी भूमिका है।
दुधारू जानवरों की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर
योजना के तहत दुधारू जानवरों की उत्पादकता बढ़ाने के लिये आवश्यक आधारभूत तकनीकी सुविधाओं जैसे उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता का पशु आहार, क्षेत्र विशेष खनिज मिश्रण, कम पानी में पैदा होने वाला हरा चारा बीज, नस्ल सुधार कार्यक्रम और पशु बांझपन निवारण शिविर भी कंपनी आयोजित करती है।