सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल लगभग 8 लाख कैंसर के नए केस आते हैं. ऐसे में आज हम आपको ऐसे 5 कैंसर के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं. अगर कैंसर का इलाज सही समय पर शुरू कर दें तो इससे बचा भी जा सकता है. भारतीय महिलाओं में स्तन, गर्भाशय, कोलोरेक्टल, अंडाशय और मुंह का कैंसर पाया जा रहा है. एक सर्वे की माने तो भारत में सर्वाइकल कैंसर की वजह से हर आठ मिनट में एक महिला की मौत हो जाती है. ऐसे में आपको कैंसर के लक्षण के बारे में जरूर पता होना चाहिए.
ब्रेस्ट कैंसर
शहर की महिलाओं में सबसे ज्यादा यही कैंसर पाया जाता है. वहीं ग्रामीण महिलाओं में भी इस कैंसर के मामले सामने आते हैं. आजकल बहुत कम एज में ही स्तन कैंसर के केस आ रहे हैं. ब्रेस्ट पर नारंगी रंग का स्पॉट दिखाई देना, गांठ बनना और आकार में बदलाव आना.
सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर होने की वजह ह्यूमन पैपिलोमा नामक वायरस है. ये यौन संबंध बनाने से फैलता है. इसकी शुरुआत गर्भाशय ग्रीवा से होती है. ये गर्भाशय के निचले हिस्से शुरू होता है, जो धीरे-धीरे बॉडी के दूसरे हिस्सों में फैल जाता है. इसके लक्षण कुछ इस तरह से दिखते हैं. जैसे रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव होना.
कोलोरेक्टल कैंसर
कोलोरेक्टल कैंसर तीसरा सबसे आम कैंसर माना जाता है. इससे महिलाओं की बड़ी आंत प्रभावित होती है. इसकी शुरुआत कोशिकाओं के नॉन कैंसरस ट्यूमर से होती है. अगर इसे नजरअंदाज कर दें तो कैंसर बन जाता है. कब्ज की समस्या, वजन घटना, कमजोरी और थकान इसके लक्षण होते हैं.
अंडाशय का कैंसर
अंडाशय कैंसर के मामले 30 साल से 65 साल की महिलाओं में ज्यादा पाए जाते हैं. जिनके परिवार में पहले से गर्भाशय, पेट, अंडाशय या स्तन कैंसर का इतिहास रहा है. उन्हें इसका जोखिम ज्यादा होता है. इसके लक्षण बार-बार पेशाब आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द और पेट में सूजन है.
मुंह का कैंसर
महिलाओं में भी मुंह के कैंसर के मामले बहुत देखने को मिल रहे हैं. आपको बता दें कि ये महिलाओं को भी उतना ही प्रभावित करता है जितना पुरूषों को. इस कैंसर की वजह तम्बाकू या शराब का ज्यादा सेवन करना है. इसके लक्षण मुंह में लाल या सफेद निशान बनना, गांठ बनना या मसूड़ों में खराबी.