सती चरित्र व भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का हुआ मार्मिक वर्णन
बिधूना/औरैया। तहसील क्षेत्र के प्राचीन आश्रम देवघट बाबा मंदिर पर चल रहे नौ दिवसीय रुद्र महायज्ञ एवं शिव महापुराण कथा मौके पर पोरसा कुंज श्री वृंदावन धाम के शिव महापुराण कथा प्रवक्ता पंडित हरिओम शरण शास्त्री जी महाराज ने सती चरित्र व भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।
मऊ गूरा स्थित भोले बाबा की प्राचीन सिद्ध पीठ देवघट बाबा मंदिर पर चल रही नौ दिवसीय कथा में वक्ता पंडित हरिओम शरण शास्त्री ने सती चरित्र का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि किसी को बिना निमंत्रण के कही नहीं जाना चाहिए चाहे वह उनके माता-पिता का ही घर क्यों ना हो। उन्होने कहा कि विशेष कर महिलाओं को अपने पति की अनुमति के बिना किसी ऐसे स्थान पर नहीं जाना चाहिए जहां उनके पति का अपमान हो। शिव की बात ना मानने पर सती पिता के घर गईं और उन्हें अपमानित होने के कारण इतनी आत्मग्लानी हुई कि स्वयं को अग्नि मे समर्पित करना पड़ा।
कथा वक्ता श्री शास्त्री ने कहा कि मृत्यु के बाद मानव को नर्क गामी होने से बचने के लिए प्रायश्चित के लिए सत्ता में विश्वास रखते हुए सदाचरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्संग मानव को सदाचार पर चलने की प्रेरणा देता है और उसका मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है। श्री शास्त्री ने शिव महापुराण की महिमा का विस्तृत बखान कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कथा के विश्राम पर आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया।
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इस मौके पर यज्ञाचार्य पंडित कुलदीप पाठक, कार्यक्रम संयोजक महंत शरद विज्ञानानंद जी महराज, नारद जी महाराज, हरी चौबे, राजू तिवारी, विनय तिवारी, अवनींद्र कौशिक एडवोकेट, अवधेश दुबे पूर्व प्रधान, रामनरेश तिवारी लल्ला, कौशल किशोर शुक्ला, लाल पितृदेव प्रसाद सिंह, अखिलेश शुक्ला, शिवकांत दुबे, पंकज दुबे, रामअवतार मिश्रा, गुडडू श्रीवास्तव आदि प्रमुख लोगों के साथ भरी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।
रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन/अनुपमा सेंगर