कोरोना वायरस के खौफ ने देश की सभी उत्पादन इकाइयों में तालाबंद करने को मजबूर कर दिया, उस समय भी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने गन्ना किसानों राहत देने का काम किया। मिलें बन्द नहीं हुईं और उत्पादन जारी रखा। इसके साथ ही यह देश का पहला ऐसा राज्य बन गया, जहां पूर्णबंदी में भी चीनी उत्पादन होता रहा। 119 चीनी मिलें चलती रहीं। इतना ही नहीं, चीनी की बिक्री नहीं होने का बाद भी भुगतान भी होता रहा है। प्रदेश के सीतापुर जिले की चीनी मिल अब भी पेराई कार्य कर रही है।
लॉकडाउन के गाढ़े वक्त में पूरा देश कोरोना वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए पूर्णबंद हैं। ऐसे में यूपी की 119 चीनी मिलें चल रहीं रहीं। वह भी बिना किसी रुकावट के। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से सफल हुआ है। चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश की रीढ़ है। प्रदेश सरकार की प्रतिबद्घता का ही असर है कि उत्तर प्रदेश में चीनी मिले बिना किसी रुकावट चलती रही और लोगो को रोजगार भी देती रही।
बात अगर सीतापुर जिले की बिसवां चीनी मिल की करें तो यहां 125.66 लाख कुंतल गन्ने की पेराई हो चुकी है। वहीं पिछले पेराई सत्र यानि 2018-19 में 126.36 लाख कुंतल पेराई हुई थी। वहीं अब तक बिसवां चीनी मिल में 1,45,8550 कुंतल चीनी का उत्पादन हो चुका है। जो कि पिछले साल 1,51,1650 था। यहां करीब 852 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इस साल यहां करीब 18000 टन जैविक खाद भी बना रही है। जिला गन्ना अधिकारी के अनुसार बिसवां चीनी मिल द्वारा 8 मई तक भुगतान 2,68,38.06 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
लॉक डाउन में श्रमिकों को मिला रोजगार अब तक प्रदेश में 105 करोड़ 65 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की जा चुकी है जबकि पिछले पेराई सत्र में 100 करोड़ 29 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गई थी। यानि इस बार 5 करोड़ बढ़ा है वो भी तब जब पूरे देश में लॉकडाउन है। प्रदेश में अब तक 292.65 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन किया गया है। प्रमुख सचिव गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी के अनुसार पूर्णबंदी के दौरान जहां विभिन्न उद्योगों में बेरोजगारी की समस्या थी वहीं चीनी उद्योग द्वारा 72,424 कार्यरत मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा गन्ना छिलाई में 10 लाख मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
बिसवां चीनी मिल में अपना गन्ना देने आए गन्ना किसान रमेश चंद्र दीक्षित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर ये चीनी मिल बंद हो गई होती तो हमारी फसल के साथ-साथ हम भी बर्बाद हो गए होते। गन्ना किसान अमर सिंह ने कहा कि कोरोना संकट में भी चीनी मिल में उनका गन्ना बिना किसी रुकावट के लिया जा रहा है और समय पर चीनी मिलें भुगतान भी कर रही है। यह गन्ना किसानों के लिए वरदान है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान 119 चीनी मिलों का संचालन एक बड़ी चुनौती थी, इसके बावजूद मुख्यमंत्री नेतृत्व में हम सब लोगों ने डेढ़ लाख श्रमिकों और 48 लाख किसानों की चिंता करते हुए चीनी मिलो का संचालन सुचारू रखा। उसी का परिणाम है कि आज प्रदेष में पिछले साल के मुकाबले 5 करोड़ क्विंटल से ज्यादा गन्ने की पेराई की जा चुकी है। इस बार भी यूपी सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन करने में सफल रहा।